-झारखंड में दस्तक दे चुका है जैपनीज इंसेफलाइटिस

-रांची के बच्चों पर भी है इस बीमारी की नजर

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RANCHI: रांची में जापानी बुखार (जैपनीज इंसेफलाइटिस) ने दस्तक दे दी है। तीन दिनों पहले इससे झारखंड में एक बच्चे की मौत हो गई। इससे रांची सहित झारखंड में दहशत फैल गई है। लास्ट वीक रिम्स में मेनिनजाइटिस से एक बच्ची की मौत हो गई। जबकि, इस बीमारी से पीडि़त कई बच्चे रिम्स के शिशु वार्ड में भर्ती हैं। मंगलवार को रिम्स में भर्ती कुछ नए बच्चों का सैंपल लिया गया, लेकिन इसका रिजल्ट अभी आना बाकी है। रांची के सदर अस्पताल में भी बुखार से पीडि़त तीन बच्चों को एडमिट किया गया है। इनके भी जापानी इंसेफलाइटिस से पीडि़त होने की आशंका है। हालांकि, इनका टेस्ट अभी नहीं हुआ है। बरसात के सीजन में यह बीमारी तेजी से फैलती है। बिहार के मुजफ्फरपुर में इस बीमारी से बच्चे लगातार मर रहे हैं। बिहार से सेट उत्तरप्रदेश के तराई एरिया में भी इस बीमारी ने अपने पांव फैला लिए हैं। ऐसे में यह बीमारी रांची और झारखंड में पांव न पसारे, इसके लिए गवर्नमेंट अलर्ट हो गई है।

हेल्थ डिपार्टमेंट ने जारी किया अलर्ट

जैपनीज इंसेफलाइटिस के बढ़ते मरीजों को देखते हुए हेल्थ डिपार्टमेंट और रांची नगर निगम ने अलर्ट जारी कर दिया है। सदर अस्पताल और रिम्स में आनेवाले इस बुखार से पीडि़त बच्चों की खास केयर के साथ ही उनका जैपनीज इंसेफलाइटिस टेस्ट कराने का निर्देश दिया है। रांची नगर निगम ने सभी वार्डो में निर्देश दिया है कि अगर किसी भी वार्ड में कोई बच्चा बुखार और उल्टी से पीडि़त नजर आए, तो उसकी तुरंत जांच कराई जाए।

अगर बच्चे को बुखार आ रहा है, तो अलर्ट हो जाइए

अगर किसी बच्चे को बुखार आ रहा है। बुखार के साथ-साथ उल्टी हो रही है। सिर दर्द, कंपकंपी, कमजोरी हो, कोई दवा काम नहीं कर रही है, तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाकर जांच करवाइए। उसके ब्लड की तुरंत जांच करवाइए। डॉक्टर्स का कहना है कि जैपनीज इंसेफलाइटिस की पहचान तुरंत नहीं हो पाती है। अगर कोई एक हफ्ते तक बुखार से पीडि़त है, तभी उसके अंदर इसके लक्षण पता चलते हैं। यह बीमारी सूअर और मच्छरों से फैलती है। जापानी इंसेफलाइटिस के वायरस सूअर के शरीर में एक परजीवी की तरह रहते हैं, जो मच्छरों के माध्यम से बॉडी में पहुंचते हैं। सीलन और दलदली जगहों में इस बीमारी के फैलने की अधिक आशंका रहती है। ख् से लेकर म् साल तक के बच्चों में यह बीमारी फैलने की आशंका अधिक रहती है।

यहां करा सकते हैं टेस्ट

जैपनीज इंसेफलाइटिस के टेस्ट में मरीज का ब्लड सैंपल लिया जाता है। इसके अलावा रीढ़ की हड्डी की जांच और सीटी स्कैन भी किया जाता है। इसका टेस्ट रिम्स, सदर अस्पताल, नगर निगम अस्पताल और प्राइवेट हॉस्पिटल्स में करा सकते हैं।

महामारी बन सकती है यह बीमारी

जैपनीज इंसेफलाइटिस (जेई) बाढ़ ग्रस्त एरिया में मच्छरों के काटने से फैलता है। बच्चों में ही यह बीमारी होती है। अगर समय रहते नहीं ध्यान दिया गया, तो यह बीमारी महामारी बन सकती है। हालांकि, इस बीमारी का सेंटर कभी झारखंड या रांची नहीं रहा है, लेकिन अब इस बीमारी यहां भी दस्तक दी है। पूर्वाचल का गोरखपुर जिला और बिहार का मुजफ्फरपुर इसका सेंटर रहा है। वहां पर इस बीमारी से सैकड़ों बच्चे मर रहे हैं।

फंड मिला, फिर भी नहीं चला टीकाकरण अभियान

पिछले साल भी झारखंड के कोडरमा, लातेहार, गुमला, पलामू और रांची में जैपनीज इंसेफलाइटिस की बीमारी सामने आई थी। इसको रोकने के लिए टीकाकरण अभियान भी चलाना था। सेंट्रल गवर्नमेंट ने इसके लिए झारखंड गवर्नमेंट को फंड भी दिया था, लेकिन हेल्थ डिपार्टमेंट की उदासीनता के कारण यह टीकाकरण अभियान चला ही नहीं, जिसकी वजह से यह बीमारी खतरनाक ढंग से फैल सकती है।

नहीं है वैक्सीन

एक तरफ जहां गवर्नमेंट जैपनीज इंसेफलाइटिस को लेकर अलर्ट जारी कर रही है, वहीं इससे निपटने के लिए रिम्स और सदर अस्पताल में गवर्नमेंट की तरफ से वैक्सीन उपलब्ध नहीं कराई गई है। इसके साथ ही इन मरीजों के लिए अलग से वार्ड भी नहीं बनाया गया है।

नगर निगम ने नहीं किया छिड़काव

क्यूलेक्स मच्छर के काटने से जैपनीज इंसेफलाइटिस की बीमारी होती है, लेकिन रांची नगर-निगम की मेहरबानी के कारण मच्छर कम होने की बजाय बढ़ते ही जा रहे हैं। रांची नगर निगम के भ्भ् वार्डो में अभी तक छिड़काव का काम पूरा नहीं हुआ है। जबकि, मॉनसून के पहले यहां पर छिड़काव होना चाहिए।

क्870 में पहली बार जापान में फैली थी यह बीमारी

जैपनीज इंसेफलाइटिस, यानी जापानी बुखार नाम की इस बीमारी की शुरुआत जापान में साल क्870 में पहली बार हुई थी। लेकिन, पिछले कुछ सालों में यह बीमारी भारत में भी तेजी से फैली है। खासकर उत्तरप्रदेश का पूर्वाचल एरिया और बिहार के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में हर साल इससे सैकड़ों बच्चों की जान जाती है।

'सदर अस्पताल में जैपनीज इंसफेलाइटिस से निपटने की पूरी तैयारी है। अभी तक इसका कोई मामला नहीं आया है। अगर आता है, तो उसकी जांच कर तुरंत इलाज किया जाएगा। सबको सावधानी बरतने का निर्देश जारी किया जा चुका है.'

-गोपाल श्रीवास्तव

सिविल सर्जन, रांची