सुपर संडे को पूरी दुनिया ने देखी सुपर मून की जगमगाहट
3 दिसंबर 2017 को दुनिया भर में लोगों ने रातभर जागकर सुपर मून का जगमगाता नजारा देखा। सुपर मून के दिन चांद हमारी धरती के सबसे ज्यादा नजदीक होता है। तभी तो वो रोज से काफी बड़ा और और भी ज्यादा चमकीला दिखाई देता है। खगोलविद मानते हैं कि सुपर मून का बेस्ट नजारा इन खास टाइमिंग्स के दौरान ही देखने को मिलता है। जब सनसेट के ठीक बाद चांद उग रहा हो या सुबह के समय जब चांद अस्त होकर सूरज का उदय हो रहा हो।
क्या होता है सुपरमून का मतलब
सुपर मून शब्द का मतलब है सबसे बड़े चांद से। चांद सबसे बड़ा और ज्यादा चमकीला सिर्फ तब ही दिखता है, जब वो धरती की परिक्रमा के दौरान अपने अंडाकार पथ पर धरती के सबसे नजदीक आता है। ऐसा मौका कई सालों में जाकर मिलता है। उस समय चांद और धरती के बीच की दूरी करीब 3 लाख 60 हजार किमी होती है। इस साल 3 दिसंबर को दिखे सुपर मून के दौरान चांद आम दिनों से 7 परसेंट बड़ा और 16 परसेंट अधिक चमकीला था। पिछले साल यानि नवंबर 2016 में दिखे सुपरमून के मौके पर चांद का आकार इस बार से भी ज्यादा बड़ा था। वैज्ञानिकों के मुताबिक 1948 के बाद चांद पहली बार इतना बड़ा दिखाया था।
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नासा ने बताई सुपरमून की ट्रायोलॉजी
नासा के मुताबिक इस बार चांद का सुपरमून अवतार ट्रायोलॉजी में आया है। इसका मतलब यह है कि इस बार चांद का सुपरमून अवतार 3 बार दिखेगा। 3 दिसंबर 2017 के बाद अब 1 जनवरी और 31 जनवरी 2018 को चांद सबसे ज्यादा बड़ा और चमकीला दिखाई देगा। तो जनाब आपके पास सुपरमून देखने के अब भी दो मौके हैं। तो 1 और 31 जनवरी की रात को चांद का यह नजारा देखने के लिए पूरी तरह से तैयार रहिएगा।
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