प्रोक्रैस्टिनेशन का अफेक्ट कुछ हद तक सभी पर होता है लेकिन कुछ लोगों पर यह इस कदर हावी होता है कि वे अपने पोटेंशियल का पूरा यूज नहीं कर पाते और इससे उनका करियर तक डिस्टर्ब हो जाता है.

Procastination

इससे छुटकारा पाने का सही सही तरीका है उसे उसी वक्त रिकग्नाइज करना जब आप उसकी गिरफ्त में आ रहे हों. आइए जानते हैं क्या है प्रोक्रैस्टिनेशन, इसे कैसे रिकग्नाइज करें और क्या है इसका सॉल्यूशन?

What is procrastination?

एक लाइन में बोलें तो जब आप प्रोक्रैस्टिनेट होते हैं तो प्रियॉरिटी वर्क को किनारे रख कर उन कामों में इन्वॉल्व हो जाते हैं जिसको आप एंज्वॉय कर रहे होते हैं या जिसमें आप ज्यादा कम्फर्टेबल होते हैं. साइकोलॉजिस्ट डॉ. दीपक नंदवंशी कहते हैं, ‘जब आपके इंटेंडेड बिहेवियर और इंएक्टेड बिहेवियर के बीच गैप बढऩे लगे तो समझिए आप प्रोकैस्टिनेशन की चपेट में आ रहे हैं.’  डॉ. नंदवंशी के मुताबिक अगर इसके सिम्पटम्स पहचान लिए गए तो कुछ जरूरी स्टेप्स उठाकर इससे छुटकारा भी पाया जा सकता है.

Adopt strategies to overcome it 

प्रोक्रैस्टिनेशन से एक रात में छुटकारा पाना मुश्किल है. कुछ जनरल टिप्स आपके लिए हेल्पफुल हो सकते हैं.

Apply ‘why’ and ‘how’ formula

दीपक नंदवंशी कहते हैं अगर कोई ये समझ जाए कि वह काम क्यों कर रहा है तो इसे कैसे करना है यह जानना आसान हो जाता है. अगर आप कोई ऐसा काम कर रहे हैं जो आपके लिए जरूरी नहीं है तो इसे पूरा करना टफ हो सकता है.

Set reminder to finish your work

टु डू लिस्ट तैयार कर देने भर से काम नहीं चलेगा. टॉप प्रियॉरिटी वर्क को चूज करने के बाद उसे पूरा नहीं होने तक रिमाइंडर लगाइए.

Tell your goal to others

जो भी गोल तय कर रखे हैं उसे दोस्तों और फैमिली मेम्बर्स से जरूर शेयर करें. ये मोटिवेट करने के साथ रिमाइंडर का भी काम करते हैं.

Change your approach to tackle work

लाख कोशिश के बाद भी काम पूरा करने में परेशानी हो रही है तो टाइम वेस्ट करने के बजाय उसे टैकल करने के अप्रोच में बदलाव लाएं. 

Start with easy and small work

शुरुआत किसी भी छोटे और तुरंत खत्म होने वाले काम से कीजिए. फिनीश करने के बाद आप रियलाइज करेंगे कि पूरा प्रोजेक्ट खत्म करना बहुत टफ नहीं है.

Recognize symptoms 

साइकोलॉजिस्ट डॉ. पीयूष प्रोक्रैस्टिनेशन का कहना है कि लोगों का प्रोक्रैस्टिनेट होना काफी कॉमन है. इसके कुछ इंडिकेशन है..

  • टाइम नहीं है, बाद में काम कर लेंगे. अक्सर लोग इस तरह कह कर काम को टालते हैं.
  • काम के टाइम पर देर तक बातें करना और काम को टालते रहना भी एक इंडिकेशन है.
  • फालतू के काम को पहले करना और मतलब के काम को लास्ट में इंपॉरटेंस देना भी प्रोक्रैस्टिनेशन का इंडिकेशन है.