दुखी हैं दुकानदार
बसंत पंचमी से पहले शहर में पतंगों की दुकानें सज गई हैं। गली मोहल्लों में दुकानों पर पतंग और मांझे सज गए हैं। छोटे दुकानदार से लेकर बड़े दुकानदारों तक चाइनीज मांझा बेच रहे हैं। यह इनकी मजबूरी भी बन गया है। लोकल मांझा कोई लेने को तैयार नहीं है। सभी के हाथ चाइनीज मांझों से कट रहे हैं, लेकिन फिर भी इसकी ही मांग तेज हो रही है। दुकानदारों की मानें तो इस मांझे को बेचकर वे परेशान हैं। यह जान का दुश्मन है और जिसकी गर्दन पर लगता है उसकी जान लेकर छोड़ता है।

चाहते हैं बंद हो

दुकानदार इस मांझे पर बैन लगाने की मंशा रखते हैं। एक भी दुकानदार इस मांझे को बेचने की इच्छा नहीं रखता, लेकिन कुछ कमाने के लिए वे इसको बेच रहे हैं। लोकल मांझे से अधिक इसकी डिमांड बढ़ गई है। बरेली और रामपुर से आने वाला धागे का मांझा कभी खूब बिकता था, आज उसको खरीदने वाले कम दिखाई दे रहे हैं। दुकानदारों में इसको बेचते हुए डर भी है। अगर इस मांझे से किसी की मौत हो गई तो वे क्या करेंगे। अभी से ही पुलिस और प्रशासन इस मामले में कोई कदम नहीं उठा रहे हैं। अगर कोई वारदात होती है तो दुकानदारों को दोषी ठहराया जाएगा.

यह मांझा बंद होना चाहिए
पतंग व्यापारी नौशाद और फैज मोहम्मद का कहना है कि यह मांझा किसी की जान लेने के लिए काफी है। पूरी मार्केट में इस मांझे ने लोगों की दुकानदारी खराब कर दी है। कोई भी दुकानदार इसको नहीं बेचना चाहता। कई प्रदेशों में इसको बैन कर दिया गया है, लेकिन यहां इसको बेचा जा रहा है। हम तो इसको बेचने की किसी को भी सलाह नहीं देते। हमेशा बरेली के धागे वाले मांझे को ही बेचते हैं। किसी को खरीदने के लिए भी नहीं कहते।

किलो और मीटर

पतंग बनाने वाले अनिल का कहना है कि उनकी दुकान पचास साल से भी पुरानी है। वे हमेशा बरेली का मांझा बेचते हैं। जिसमें मिर्जा जी, उमर भाई, नईम भाई, एसके खान सहित दर्जनों ब्रांड के मांझे आते हैं। हमारे मांझे ऐसे ही रखे हुए हैं, जबकि मांझे अब से पहले सेल जो जाते हैं। यह मांझा रील में मीटर के हिसाब से आता है और चाइनीज मांझा किलो ग्राम के हिसाब से आता है। इस मांझे की डोर प्लास्टिक की होती है। जिससे मछली पकड़ी जाती है। साथ ही इस पर कांच लगने के बाद यह और भी खतरनाक हो गया है। जिससे किसी की मौत भी हो सकती है.

मांझा यूज ना करने की अपील

पतंग व्यापारियों में मोहम्मद मुख्तयार, नौशाद, अनिल, सुनील, संजय सहित सभी दुकानदार लोगों से ये अपील भी कर रहे हैं कि लोग इस मांझे का इस्तेमाल ना करें। यह मांझा काफी खतरनाक है। इसे बच्चों के हाथ में बिल्कुल ना दें। इससे बच्चों के हाथ कट सकते हैं। यह टूटता नहीं है खिंचता है, जो गर्दन पर लगेगा तो काट देगा। जिससे किसी की भी जान आसानी से जा सकती है, इसलिए इसको प्रयोग ना करें। पुलिस और प्रशासन से भी इस मांझे पर रोक लगाने की मांग करते हैं.

अपील

"इस मांझे को बंद करवाने की पूरी कोशिश रहेगी। साथ ही लोगों से इसको यूज ना करने की अपील भी की जाती है। दुकानदार भी इसे ना बेचें। ताकि किसी को परेशानी ना हो, किसी की जान पर ना बने। यह मांझा किसी की जान ले सकता है, इसलिए इससे कभी पतंग ना उड़ाएं."
- नवीन गुप्ता, अध्यक्ष संयुक्त व्यापार संघ