पेरेंट्स करें बच्चों का सहयोग, घर में बनाएं प्यार भरा माहौल

बोले काउंसलर्स, बच्चे पर न बनाएं दबाव, रिजल्ट नहीं हैं आखिरी मंजिल

Meerut. यूपी बोर्ड का रिजल्ट जल्द ही जारी होगा. बोर्ड अधिकारियों के मुताबिक 22 से 25 अप्रैल के बीच रिजल्ट घोषित हो सकता है. ऐसे में लाजिमी है कि स्टूडेंट्स के दिल की धड़कनें बढ़ गई हैं. स्टूडेंट्स लगातार मा‌र्क्स और रिजल्ट के बारे में ही सोच रहे हैं जिससे उनमें तनाव बढ़ने लगा है. हालांकि काउंसलर्स का कहना है कि कोई भी रिजल्ट आखिरी नहीं होता है. ऐसे में स्टूडेंट्स जरा भी परेशान हो तो पेरेंट्स उनकी परेशानी को दूर करने के लिए घर का माहौल तनावमुक्त रखे.

री-चेकिंग में शामिल हो

काउसंलर्स के मुताबिक किसी भी एग्जाम में कम नंबर या खराब रिजल्ट करियर का निर्णय नहीं करते हैं. रिजल्ट अगर खराब आए तो री-चेकिंग या री-एग्जाम का सहारा लें. इसके अलावा आने वाले कॉम्पीटिशन एग्जाम में अधिक मेहनत करें और इसमें बेहतर रिजल्ट लाने की कोशिश करें. अपना गोल बनाएं और सफलता हासिल करें.

ऐसे रखे ख्याल

मा‌र्क्स को लेकर बच्चों पर दबाव न डालें.

रिजल्ट वाले दिन बच्चे को रिलेक्स रहने को कहें.

बच्चों का कॉन्फिडेंस बढ़ाएं

कम नंबर आने पर बच्चे को मारे-पीटे नहीं.

आप तनाव से बचना चाहते हैं, तो बेहतर होगा कि अपने पेरेंट्स के साथ रिजल्ट देखें.

अपना मनपसंद काम करें. गाने सुनना, मूवी देखना, गेम खेलना आदि में खुद को बिजी करे.

रिजल्ट के दौरान एंजाइटी नार्मल है. रिजल्ट मनमुताबिक नहीं है तो भी परेशान न हों. आगे का विकल्प देखें, एक्शन प्लान तैयार करें, और दृढ़ निश्चय के साथ उस पर काम करें.

डॉ. पूनम देवदत्त, साइक्लोजिस्ट

बच्चे रिजल्ट आने के 3-4 दिन पहले से ही सोचने लगते हैं, जिससे तनाव और डिप्रेशन बढ़ने लगता है. रिजल्ट आने से पहले अपने दिमाग को शांत रखें. आगे के रास्तों पर गौर करें.

दिव्यांक दत्त, काउंसलर, किशोर परामर्श केंद्र

बच्चों से रिजल्ट के बारे में ज्यादा बात न करें. पेरेंट्स आजकल बच्चों पर इतना दबाव बनाते हैं कि बच्चा अंदर ही अंदर डिप्रेशन का शिकार हो जाता है. इससे आगे के रास्ते भी बंद हो जाते हैं.

डॉ. विभा नागर, क्लीनिकल काउंसलर