कोई नहीं है असल मालिक
इंटरनेट किसी सरकार द्वारा नियंत्रित नहीं है। यह एक विशाल और स्वतंत्र कॉपरेशन यानि मिल कर काम करने वालों का समूह है। यानि कोई एक व्यक्ति, कंपनी, संस्था अथवा सरकारी एजेंसी इसका मालिकाना हक़ नहीं रखती है और न ही इसे नियंत्रित करती है, लेकिन कुछ एजेंसी सलाह देकर, मानक निधार्रित कर और अन्य मुद्दो पर जानकारी देकर इसको काम करने में मदद करती हैं।
वर्ल्ड वाइड कंसोर्टियम
इंटरनेट के विभिन्न क्षेत्रो के लिए गाइड लाइन, स्टैंडर्ड और रिसर्च करने वाला समूह वर्ल्ड वाइड कंसोर्टियम है जो W3C कहलाता है। इंटनेट पर किसी अकेली संस्था या संगठन का नियंत्रण और मालिकाना हक़ नहीं है।
नेटवर्क की पर्सनल जिम्मेदारी
इंटनेट पर हर सस्था केवल अपने नेटवर्क को मेंटेन करने के लिए जिम्मेदार होती है।
कैसे करता है इंटरनेट काम
दुनिया में लगभग 900 मिलियन लोग विभिन्न हिस्सों में इंटनेट का इस्तेमाल करते हैं। पोस्टल सिस्टम की तरह ही इंटनेट में भी डाटा को किसी खास जगह भेजने के लिए एर्डेसिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है।
डोमेन में रहता है आईपी एड्रेस स्टोर
डोमेन वह सिस्टम है जो इंटनेट में बताये गए नाम और उनसे सम्बंधित आईपी एड्रेस स्टोर रखता है। हर बार जब आप किसी डोमेन का जिक्र करते हैं तो इंटनेट सर्वर उसे सम्बंधित आईपी एड्रेस में ट्रांसलेट कर के डाटा सही कंप्यूटर तक भेज देता है।
तीन स्तरों पर सर्विस प्रोवाइडर
इसी तरह आपके सर्विस प्रोवाइडर भी तीन स्तरों पर, जिन्हें 3 टीयर कहते है जुड़ होते हैं। पहले स्तर पर वो कंपनीयां होती हैं जो समुद्र के नीचे केबल डाल कर सर्विस प्रोवाइडर्स को ग्लोबली जोड़ती हैं। दूसरी वो होती हैं जो इन प्रोवाइडर्स को नेशनली जोड़ती हैं और तीसरे नंबर स्थानीय प्रोवाइडर्स बड़े प्रोवाडर्स से जुर्ड कर सेवा उपलब्ध कराते हैं।
सर्वर से जुड़ते हैं क्लाइंट
इस प्रकार इंटरनेट से जुड़े कंप्यूटर क्लाइंट और सर्वरों का इस्तेमाल कर दुनिया भर में एक दूसरे को डाटा स्थानांतरित करते है।Interesting News inextlive from Interesting News Desk
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