- अस्पताल से अक्सर गायब रहते हैं डॉक्टर, मरीजों को इलाज के लिए पड़ रहा है भटकना

- सीएमओ से शिकायत के बाद भी नहीं है कोई सुधार

चंदौली: सरकारी अस्पताल गरीब मरीजों की सुविधा के लिए बने हैं। लेकिन उनपर नियुक्त डॉक्टर और कर्मचारी गरीबों को इस सुविधा से मरहूम कर रहे हैं। बरहनी विकास क्षेत्र का ओयरचक संयुक्त स्वास्थ्य केंद्र अव्यवस्थाओं से जूझ रहा है। कारण यहां डॉक्टर ही नहीं बैठते हैं। अस्पताल में दवा है, मरीज बड़ी संख्या में आते हैं पर डॉक्टर के न रहने से मरीजों का इलाज नहीं हो पाता है।

देर से आना जल्दी जाना

नक्सल प्रभावित क्षेत्र के ओयरचक, कंजेहरा, कोदई, तलाशपुर, कंदवा, असना, अदसड़, ककरैत, करौती, धमिना सहित तीन दर्जनों गांव के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा के के लिए पूर्व सीएम पं। कमलापति त्रिपाठी ने 24 बेड का संयुक्त स्वास्थ्य बनवाया था। शुरु में तो सब कुछ ठीक-ठाक रहा पर धीरे-धीरे डॉक्टर लापरवाह हो गए। इसी कारण आज अस्पताल अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। कुछ डॉक्टर सुबह आठ बजे की बजाय 11 बजे के बाद यहां पहुंचते हैं एक बजे चलते बनते हैं। ग्रामीणों का कहना है कुछ चिकित्सक तो यहां महीनों से गायब चल रह हैं। कई बार सीएमओ को जानकारी देने के बाद भी किसी पर कोई असर नहीं पड़ा। ग्रामीण कुंदन सिंह, बबलु सिंह, मंगरू सिंह, धर्मेंद्र उपाध्याय, संतोष सिंह, राजु सिंह, टुन्नु, चंदन, प्रांशु, डग्गु, दशमी राम, मंत्री राम आदि ने चेताया कि चिकित्सकों के बैठने की व्यवस्था सुनिश्चित नहीं की गई तो ग्रामीण आंदोलन को बाध्य होंगे।

केंद्र पर नहीं रहते चिकित्सक

नौगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टरों के नियमित नहीं रहने से मरीज व अभिभावक परेशान हैं। भाजपा मंडल अध्यक्ष देवेन्द्र साहनी ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर मामले से अवगत कराया। मंडल अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि डॉक्टर वाराणसी में रहकर निजी नर्सिंग होम संचालित कर रहे हैं। ऐसे लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए।