पटना जू में लगभग जानवर पड़ गए बीमार
एक ही डॉक्टर कर रहे हैं सभी का इलाज
इन दिनों आपको जू में बहुत कम जानवरों के ही दर्शन हो पाएंगे। हो सकता है कि आपको खाली भी लौटना पड़ जाए। कोई बीमार है, तो कोई गर्मी से परेशान है। केज खाली पड़ा है। लंगूर चाचा गर्मी के कारण ठीक से चल नहीं पा रहे हैं। उनकी फैमिली में सात मेंबर हैं, लेकिन सारे के सारे बीमार पड़ गए हैं। रोजी पेलिकन पंजाब और आसाम में शीत ऋतु की पक्षी है, लेकिन गर्मी ने उसकी भी तबीयत नासाज कर दी। वह इन दिनों काफी कम खाती है, बस धूप जाने का इंतजार करती है।
एक डॉक्टर, सौ बीमार
बारिश का मौसम है। एक ठीक होता नहीं कि दूसरा बीमार पड़ जाता है। डॉक्टर एक हैं, पर बीमार अनेक। डॉक्टर साहब करें भी तो क्या करें। एक से उन्हें फुर्सत मिलती नहीं कि दूसरा बीमार पड़ जाता है। साफ-सफाई पर पूरी तरह से ध्यान रखने के बावजूद जानवरों की तबीयत कुछ न कुछ खराब होते रहती है। संजय गांधी बोटेनिकल गार्डेन के डायरेक्टर अभय कुमार ने बताया कि बारिश में काफी सावधानी बरतनी पड़ती है। अगर एक दिन भी केज के अंदर जल जमा रह गया, तो जानवरों पर इसका बुरा असर पड़ता है। इस कारण हम बरसात के पहले और बरसात के दौरान केज की रेग्युलर साफ-सफाई करते हैं। फिर भी जानवरों को सर्दी-जुकाम तो हो ही जाता है.
यहां बहुत मुश्किल है
जलजमाव, कीचर आदि के कारण जानवरों को बीमारी होने की संभावना अधिक रहती है। जू के डॉक्टर अजीत बताते हैं कि इस मौसम में वायरल डिजीज काफी तेजी से फैलता है। बारिश के कारण कई जगहों पर जल जमाव की स्थिति हो जाती है। इस दौरान मच्छर और मक्खी के बैठने से बिल्ली फैमली के जानवरों को वायरल फीवर होने की संभावना बढ़ जाती है। हिरण फैमिली के जानवर कीचर आदि में जाते हैं, इससे उनके खूर में इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है। नतीजन उन्हेंपांव संबंधी बीमारी हो जाती है।जानवर - बीमारियां
बंदर - रक्त संबंधी बीमारी, बदहजमी, पेट की प्रॉब्लम व सर्दी।
लंगूर - सुस्ती, पेट की प्रॉब्लम, सर्दी व जुकाम।
शेर - हाइपर टेंशन, डाइबिटीज, पेट की प्रॉब्लम।
बाघ - पेट संबंधी प्रॉब्लम, लू, सर्दी व थकावट।
जिराफ - लूज मोशन व बुखार।
हिरण - लू लगना, बुखार व लूज मोशन।
गैंडा - पेट की प्रॉब्लम, लूज मोशन व बुखार।
पक्षी - स्ट्रेस, बुखार व पेट की प्रॉब्लम।
सांप - एनोरेक्सिया (इसमें भूख नहीं लगती.) व सिर में दर्द।