डंडी के नाइनवेल्स हॉस्पिटल में काम करने वाले डॉ। बालमुरली कृष्णन लोगानाथन पर आरोप है कि उन्होंने जांच के दौरान एक महिला मरीज के स्तनों को जरूरत से ज्यादा समय तक देखा और उनकी नज़र वासना से प्रेरित थी। उन पर ये भी आरोप है कि उन्होंने मरीज की टांगों पर भी बुरी निगाह डाली।

साल 2008 में डॉ। कृष्णन को इस तरह का आचरण न करने की चेतावनी भी दी गई थी। इस महीने के अंत में डॉ। कृष्णन जनरल मेडिकल काउंसिल में होने वाली सुनवाई का सामना करेंगे।

अस्पताल के एक प्रवक्ता एनएचएस टेसाइड ने बताया कि डॉ। कृष्णन अब नाइनवेल्स अस्पताल में काम नहीं करते हैं। ये घटना उस वक्त हुई थी जबकि डॉ। कृष्णन डुंडी विश्वविद्यालय में एनएचएस टेसाइड के लिए ठेके पर काम करते थे।

महिला सहकर्मी

अस्पताल के सूत्रों के मुताबिक पिछले साल मार्च में डॉ। कृष्णन ने स्वीकार किया था कि वे महिला मरीजों की जांच के दौरान अपने साथ एक महिला सहकर्मी को भी रखेंगे। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और महिला मरीज की जांच के दौरान किसी महिला सहकर्मी को साथ रखना उचित नहीं समझा।

उन पर ये भी आरोप हैं कि जांच के दौरान डॉ। कृष्णन लोगानाथन ने मरीज के स्तनों की तस्वीर पर कुछ ज्यादा देर तक निगाह गड़ाए रखा। साथ ही उसकी टांगों को वासना भरी निगाहों से घूरते रहे।

जनरल मेडिकल काउंसिल यानि जीएमसी का कहना है कि उन्हें फिलहाल ठीक से नहीं पता है कि ये घटना कब हुई लेकिन इसके तत्काल बाद ही डॉ। कृष्णन ने जून 2011 में इस्तीफा दे दिया।

जीएमसी को यह भी पता नहीं है कि डॉ। कृष्णन इस वक्त कहां प्रैक्टिस कर रहे हैं। जीएमसी के मुताबिक डॉ। को बिना किसी महिला सहकर्मी के महिला मरीजों को देखने की अनुमति विशेष आपात्कालीन स्थिति में ही थी। शर्तों के मुताबिक महिला सहकर्मी को या तो खुद डॉक्टर हो सकती थी या फिर कोई नर्स होती थी,

डॉ। कृष्णन को जीएमसी को ये भी बताना होगा कि वो ब्रिटेन के बाहर किसी जगह पर प्रैक्टिस करने के लिए प्रयास तो नहीं कर रहे हैं। डॉ। कृष्णा लोगानाथन ने भारत के गुलबर्गा से डॉक्टर की डिग्री ली थी। मैनचेस्टर में चलने वाली इस सुनवाई में यदि डॉ। कृष्णन दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें काफी परेशानी हो सकती है।

डंडी विश्वविद्यालय के एक प्रवक्ता का कहना है कि उन्होंने लंबे निलंबन के बाद पिछले साल जून में इस्तीफा दे दिया था। जबकि अस्पताल प्रशासन उनके खिलाफ जांच कर रहा है।

International News inextlive from World News Desk