-मेडिकल कॉलेज के अमृत फार्मेसी से मरीजों को सस्ते रेट पर मुहैया कराते हैं दवा व इंप्लांट

-डॉक्टर्स जेनरिक दवाएं न लिखकर लिख रहे बाहर की दवा

-सेंटर से दवा लेने वालें मरीजों की दवाएं कराई जा रही वापस

GORAKHPUR: प्रधानमंत्री की अमृत योजना पर बीआरडी के डॉक्टर पलीता लगाने में जुटे हैं। यह हम नहीं अमृत फार्मेसी की ओर से एसआईसी को लिखा पत्र कह रहा है। प्रधानमंत्री योजना के तहत मेडिकल कॉलेज में मरीजों को सस्ते रेट पर जेनरिक दवाएं व इंप्लांट उपलब्ध कराने के लिए अमृत फार्मेसी खोली गई है। लेकिन डॉक्टर जेनरिक दवाएं न लिखकर ब्रांड नेम की दवाएं लिख रहे हैं। जिससे मरीजों को बाहर के मेडिकल स्टोर से ज्यादा पैसा खर्च करके दवा खरीदनी पड़ रही है। सिर्फ इतना ही नहीं मरीज यदि फार्मेसी सेंटर से दवा खरीद रहे हैं तो वे दवाएं वापस करा दी जा रही हैं।

करीब दो माह पूर्व मेडिकल कॉलेज में अमृत फार्मेसी सेंटर का शुभारंभ किया गया। यहां गरीब मरीजों को 60 प्रतिशत तक सस्ते दर पर दवा व इंप्लांट मुहैया कराया जा रहा है। लेकिन मरीजों की सुविधाओं को दरकिनार कर डॉक्टर ऐसी दवाएं लिख रहा हैं जो अमृत फार्मेसी में है ही नहीं। डॉक्टर्स की मनमानी के चलते अमृत फार्मेसी के सामने संकट खड़ा हो गया है। वहीं मरीजों की जेब पर भी डाका पड़ रहा है।

प्रिंसिपल व एसआईसी को लिखा पत्र

इसके बाद अमृत फार्मेसी सेंटर ने इस संबंध में प्रिंसिपल, एसआईसी को पत्र लिखकर पूरे मामले से अवगत कराया है। पत्र में लिखा है कि अमृत फार्मेसी पीएम की योजना है। यहां गरीब मरीजों को सस्ते दर पर दवाएं व इंप्लांट उपलब्ध कराती है। इसलिए विभिन्न विभाग के एचओडी अपने-अपने डॉक्टर्स से कहें कि बाहर की दवा न लिखें और ब्रांडेड कंपनी की दवाएं वापस न कराएं। यदि कोई दवा किसी खास फार्मा कंपनी की लिखना जरूरी है तो उसकी सूची को अमृत फार्मेसी को उपलब्ध कराया जाए। जिससे गरीब मरीज इसका लाभ उठा सकें।

प्रतिदिन ओपीडी की संख्या--2000 से 2500

भर्ती होने वाले मरीज------150 से 200

बीआरडी में विभिन्न विभाग की ओपीडी--12

केस-1 कुशीनगर की रहने वाले राजकिशोर सिंह अपना इलाज कराने के लिए ओपीडी के मेडिसिन विभाग पहुंचे। यहां पर डॉक्टर से इलाज कराने के बाद दवा के लिए कैंपस के बाहर स्थित अमृत फार्मेसी पर पहुंचे। जहां उन्हें सस्ते रेट पर दवा मिली। जब वह दोबारा ओपीडी पहुंचे। कुछ दवाएं वापस करा दी गई।

केस-2- सहजनवा के पाली निवासी रामजी चौधरी के बेटे को स्कीन प्रॉबलम थी। शुक्रवार को स्कीन विभाग में दिखाने पहुंचे। जहां डॉक्टर ने परामर्श के साथ पर्ची पर दवा लिखी। जब तीमारदार अमृत फार्मेसी सेंटर पर पहुंचा तो उसे कई दवाएं नहीं मिली। इसके बाद वह बाहर के मेडिकल स्टोर्स पर चला गया।

वर्जन

अमृत फार्मेसी की ओर से पत्र मिला है। इसके आधार पर सभी एचओडी को दवाओं की सूची मुहैया कराने के लिए कहा गया है। साथ ही उनसे यह भी कहा गया है कि वे बाहर की दवाएं न लिखे। केवल अमृत फार्मेसी में उपलब्ध दवाएं व इंप्लांट ही लिखें। जिससे गरीब मरीजों को बेहतर सुविधा मिल सके।

डॉ। आरएस शुक्ला, एसआईसी नेहरू चिकित्सालय, बीआरडी मेडिकल कॉलेज