PATNA : पटना के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान का चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है। यहां 50 प्रतिशत डॉक्टर साइलेंट किलर कही जाने वाली बीमारी से परेशान है। 264 डॉक्टरों के मेडिकल परीक्षण में 36 जहां हाई ब्लड शुगर से पीडि़त मिले। वहीं, 110 में शुगर लेवल बॉर्डर लाइन पर मिला। 50 प्रतिशत डॉक्टरों में मेटाबोलिक सिंड्रोम की समस्या मिली। फिट और फिटेनस की सलाह देने वाले अधिकतर डॉक्टर तोंदू हो गए हैं जिससे उनकी सेहत गिर रही है। अधिकतर डॉक्टरों में हार्ट अटैक का चांस बढ़ गया है और अब उन्हें इलाज का सुझाव दिया गया है।

सेहत पर पहली बार हुई रिसर्च

कार्डियोलॉजी सोसायटी ऑफ इंडिया के बिहार चैप्टर द्वारा डॉक्टरों के हेल्थ चेकअप कराया जा रहा है। पटना के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में शनिवार को कार्डियो यूनिट के चीफ डॉक्टर वीपी सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ नीरव कुमार के साथ मेडिकल अफसर डॉ शंभू प्रसाद के साथ अन्य मेडिकल स्टाफ ने डॉक्टरों के स्वास्थ्य का परीक्षण किया। पहली बार हुए डॉक्टरों के हेल्थ चेकअप के बाद संस्थान भी गंभीर हुआ है। जांच रिपोर्ट में अधिकतर डॉक्टरों के बीमार होने के परिणाम आने के बाद सभी डॉक्टरों को हार्ट अटैक के साथ अन्य खतरों से बाहर रहने के लिए सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

बीमारों में टॉप मोस्ट डॉक्टर भी

आईजीआईएमएस में तैनात टॉप मोस्ट डॉक्टर बीमार चल रहे हैं। हालांकि डॉक्टरों के नाम का खुलासा नहीं किया गया है। इसमें कई सर्जन भी शामिल हैं। कई डॉक्टरों का ब्लड शुगर लेबल बढ़ा है, लिपिड प्रोफाइल भी अनबैलेंस है और इसके साथ मेटोबोलिक सिंड्रोम से भी पीडि़त है जो हार्ट के लिए ठीक नहीं है।