-चुनाव के दौरान डॉक्टरों में दिखे दो फाड़, कुछ डॉक्टर्स ने नहीं डाला वोट

-चुनाव में सीनियर्स के मुकाबले जूनियर्स डॉक्टर ने लहराया जीत का परचम

BAREILLY :

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में वेडनसडे को प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ का चुनाव हुआ। चुनाव में डॉक्टरों की गुटबाजी साफ दिखाई दी। जूनियर डॉक्टरों के अंत तक नहीं मानने पर आखिरकार सीनियर्स ने वॉकआउट कर दिया। कई डॉक्टर्स वोट डालने भी नहीं पहुंचे। ऐसे में नतीजे जूनियर डॉक्टरों के पक्ष में रहे। पहली बार पेरीफेरी के डॉक्टरों ने सभी पदों पर विजय परचम फहराया। चुनाव में डॉ। घनश्याम अध्यक्ष और डॉ। सौरभ सिंह सचिव निर्वाचित हुए।

दो फाड़ हुए डॉक्टर्स

चुनाव में पेरीफेरी (शहर के बाहर) के कई डॉक्टर कूद पड़े थे। इसके चलते चुनाव पूरी तरह शहर बनाम ग्रामीण हो गया था। सीनियर डॉक्टरों ने पेरीफेरी के डॉक्टरों को समझाने का प्रयास भी किया, लेकिन जूनियर डॉक्टर नहीं माने। वेडनेसडे को मुरादाबाद से पर्यवेक्षक डॉ। प्रवीन कुमार और डॉ। एसके अग्निहोत्री चुनाव कराने पहुंचे। हार्ट वार्ड के सभागार में चुनाव अधिकारी डॉ। केएस गुप्ता, सहायक चुनाव अधिकारी डॉ। वीके धस्माना, डॉ। आलोक चंद्रा की देखरेख में चुनाव हुआ।

डॉ। घनश्याम को 83 तो डॉ सौरभ को 75 वोट मिले

पीएमएस चुनाव में पहली बार पेरीफेरी के डॉक्टरों के सिर जीत का सेहरा बंधा। डॉ। घनश्याम 83 वोट पाकर अध्यक्ष, डॉ। सौरभ सिंह 75 वोट पाकर सचिव बने। उपाध्यक्ष के दो पदों पर डॉ। केसी जोशी को 64, डॉ। रामनिवास सिंह को 57 वोट मिले। उपाध्यक्ष (महिला) पद पर डॉ। दीपा सिंह को 87, मेंबर सेंट्रल एक्जीक्यूटिव कमेटी पर डॉ। संचित को 74, एडीटर पद पर डॉ। गौरव शर्मा को 86 और वित्तीय सचिव के लिए डॉ। गजेंद्र सिंह को 72 वोट मिले।

158 थे मतदाता, 98 ने डाला वोट

अध्यक्ष, सचिव समेत सात पदों पर चुनाव के लिए सीनियर व जूनियर डॉक्टरों ने नामांकन कराया। चुनाव में वरिष्ठ डॉक्टरों ने बहिष्कार कर दिया। डिस्ट्रिक्ट मेल हॉस्पिटल, फीमेल व अर्बन सेंटर के 60 डॉक्टरों ने वोट नहीं डाले। कुल 158 मतदाताओं में से सिर्फ 98 डॉक्टरों ने वोट डाले। जांच में 11 वोट खारिज हो गए।