-सरकार की नीतियों के खिलाफ राज्य भर के डॉक्टरों का राजभवन मार्च

-बैरिकेडिंग तोड़ राजभवन की ओर बढ़ने पर पुलिस से धक्का-मुक्की

-अटेंडेंस देखने व छुट्टी देने का अधिकार पंचायत को दिए जाने का विरोध

RANCHI: डॉक्टरों को छुट्टी देने का अधिकार पंचायत को दिए जाने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ आंदोलन उग्र होता जा रहा है। रविवार को राज्यभर के सैकड़ों डॉक्टरों ने मार्च निकाला और राजभवन के समक्ष धरना दिया। डॉक्टरों ने कहा कि सरकार अपना आदेश वापस ले, वरना झारखंड के स्थापना दिवस 15 नवंबर को राज्य भर के डॉक्टर्स सामूहिक इस्तीफा देंगे।

डॉक्टरों व पुलिस के बीच धक्का-मुक्की

मार्च के दौरान बैरिकेडिंग तोड़कर राजभवन की ओर बढ़ रहे डॉक्टरों पर पुलिस को बल प्रयोग भी करना पड़ा। डॉक्टरों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। मामला बिगड़ता देख फोर्स को बुला लिया गया। फोर्स के आते ही सभी डॉक्टर शांत हो गए। वे लोग सीएम से मिलने की मांग कर रहे थे। मौके पर मौजूद मैजिस्ट्रेट संजीव लाल ने सीएम के रांची में नहीं होने की बात बताई। बताते चलें कि सीएम रघुवर दास इन दिनों बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर पटना में हैं।

सीएम के प्रधान सचिव से मिला प्रतिनिधिमंडल

राजभवन के समक्ष मार्च के दौरान डॉक्टर्स का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार से मिला। उन्होंने डॉक्टरों की समस्याएं सुनीं और कहा कि मुख्यमंत्री के लौटते ही उनके समक्ष यह मामला रखा जाएगा। प्रतिनिधिमंडल में आइएमए के डॉ। एके सिंह, झासा के डॉ। विमलेश सिंह, डॉ। वीएस प्रसाद, डॉ। सुमंत मिश्रा, आइएमए वीमेन विंग की डॉ। भारती कश्यप व जेडीए के डॉ। अजीत शामिल हुए। जेडीए के डॉ। अजीत ने सीएस से मांग की है कि डॉक्टरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग में आइएमए, झासा व जेडीए के रिप्रेजेंटेटिव को भी रखा जाए।

जेडीए, झासा व एनआरएचएम का सपोर्ट

दिन में साढ़े ग्यारह बजे आइएमए भवन से डॉक्टरों ने मार्च निकाला। इसमें सैकड़ों की संख्या में डॉक्टरों और चिकित्साकर्मियों ने हाथ में तख्ती लेकर राजभवन तक प्रदर्शन किया। इस दौरान वे लोग सरकार द्वारा डॉक्टरों के खिलाफ लिए गए निर्णय को वापस लेने की मांग कर रहे थे। बताते चलें कि पिछले दिनों सरकार ने डॉक्टरों की अटेडेंस और छुट्टी के लिए मुखिया से संपर्क करने का आदेश जारी कर दिया है। इसका राज्य भर के डॉक्टर विरोध कर रहे हैं। डॉक्टरों के इस विरोध को जेडीए, झासा व एनआरएचएम अनुबंधकर्मियों का भी सपोर्ट मिल रहा है। वहीं, एमजीएम के डॉक्टर भी सरकार की इस नीति का विरोध कर रहे हैं।

आपस में भिड़ीं डॉ भारती व डॉ सुवर्ण

सरकारी नीति के खिलाफ डॉक्टरों के बीच आपस में ही मनमुटाव है। यह रविवार को राजभवन के सामने विरोध प्रदर्शन के बीच दिखा। आइएमए महिला विंग की प्रेसिडेंट डॉ। भारती कश्यप और डॉ। सुवर्ण दत्ता बिरूआ में बहस शुरू हो गई। बात इतनी बढ़ गई कि दोनों ने एक-दूसरे को अपशब्द भी कह डाले। बीच-बचाव करते हुए डॉक्टरों ने उन दोनों को अलग किया।

दो को सामूहिक अवकाश की चेतावनी

राज्यभर के डॉक्टरों ने आंदोलन के तहत 2 नवंबर को सामूहिक अवकाश पर रहने की चेतावनी दी है। इस बीच अगर सरकार अपना आदेश वापस नहीं लेती है, तो डॉक्टरों ने पांच नवंबर तक अपना इस्तीफा जमा करने की योजना बनाई है। साथ ही 15 नवंबर को झारखंड स्थापना दिवस के दिन सामूहिक इस्तीफा देने की भी बात कही गई है।