मोदी सरकार बनाएगी आईएमएस

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के पास कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग की तरफ से इंडियन मेडिकल सर्विसेज शुरू करने के संबंध में दो प्रस्ताव आए हैं. इन प्रस्तावों में भारत में इंडियन एडमिनिस्ट्रेशन सर्विसेज, इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेज और इंडियन रेवेन्यू सर्विसेज की तरह देश में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर बनाने के लिहाज से इंडियन मेडिकल सर्विसेज शुरू करना शामिल है.  

लेकिन चुप हैं हर्षबर्धन

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षबर्धन ने इस मामले पर अपनी चुप्पी बनाए रखी है हालांकि मंत्रालय के करीबी सूत्रों ने इन प्रस्तावों के बारे में बताया है. इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री के करीबी सूत्रों का कहना है कि हर्षबर्धन को यह प्रस्ताव काफी पसंद आया है. गौरतलब है कि भारत में हेल्थ केयर सर्विसेज को बेहतर बनाना मोदी सरकार की वरीयता में शामिल है और इस मामले से रिलेटेड फाइल्स को मंगाया गया है.

देश में नही हैं डॉक्टर

अगर देश में मरीजों और डॉक्टर्स की बात की जाए तो डॉक्टर्स की संख्या काफी कम नजर आएगी. भारत में 1700 लोगों की आबादी पर सिर्फ एक डॉक्टर अवलेबल है. इसकी जगह 1000 लोगों पर एक डॉक्टर होना चाहिए. इसके साथ ही देश में मेडिकल कॉलेजों की भी काफी कमी है. इस कारण से डॉक्टरों को जरूरी ट्रेनिंग भी नहीं मिल पा रही है. इन सर्विसेज के शुरू होने के साथ ही इन सर्विसेज के लिए आईएएस और आईपीएस की माफिक एक अखिल भारतीय एग्जाम होने की भी संभावना है लेकिन इस मामले में सरकार का कोई अधिकारिक बयान नही आया है.

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