Doctors में है आक्रोश
एमजीएम सुपरिंटेंडेंट डॉ शिव शंकर प्रसाद को मौत को लेकर डॉक्टर्स में दुख के साथ-साथ आक्रोश भी है। डॉक्टर्स का ये आक्रोश मंडे को एमजीएम में हुई मीटिंग के दौरान भी दिखा। कई डॉक्टर सुपरिंटेंडेंट की मौत के लिए परोक्ष रूप से दौरे के दौरान हेल्थ मिनिस्टर के रवैये को दोषी ठहरा रहे थे।
मीटिंग में मौजूद आईएमए जमशेदपुर चैप्टर के प्रेसिडेंट डॉ केपी दूबे ने कहा कि डॉक्टर्स को काम करने का सही मौका नहीं दिया जाता है। हेल्थ मिनिस्टर के विजिट के दौरान जो हुआ उसे टार्चर का नाम देते हुए उन्होंने कहा कि सुपरिंटेंडेंट की इतनी ग्रिलिंग की गई कि उनकी जान चली गई। डॉक्टर केपी दूबे ने इस बात पर भी नाराजगी जाहिर कि की आखिर छुïट्टी के दिन हेल्थ मिनिस्टर द्वारा निरीक्षण क्यूं किया गया?

कोई एक नहीं कर सकता सुधार
डॉक्टर्स ने एमजीएम में होने वाली हर गड़बड़ी के लिए सुपरिंटेंडेंट को दोषी ठहराए जाने के बात से भी रोष जाहिर किया। डॉ मुरली ने कहा की हॉस्पिटल में पर्याप्त संख्या में डॉक्टर और नर्स मौजूद नहीं हैं, दूसरे इंफ्रास्ट्रक्चर की भी काफी कमी है, ऐसे में हॉस्पिटल की व्यवस्था सुचारू रूप से चलाना काफी मुश्किल काम है। डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ने कहा कि व्यवस्था में सुधार के लिए सबका सहयोग जरूरी होता है।

तरह-तरह की हुई चर्चाएं
सुपरिंटेंडेंट की मौत पर हॉस्पिटल में दिन भर तरह-तरह की चर्चाएं होती रहीं। लोगों में चर्चा थी कि कुछ डॉक्टर्स ने हेल्थ मिनिस्टर को सुपरिंटेंडेंट के खिलाफ भडक़ाया। कर्मचारियों में यह भी चर्चा थी कि कुछ डॉक्टर्स ने निरीक्षण के दौरान बाहरी लोगों को बुला रखा था, जो हेल्थ मिनिस्टर के सामने हॉस्पिटल की खामियां गिना रहे थे।

Tuesday को होगा अंतिम संस्कार
डॉ प्रसाद का शव ब्रह्मïानंद हॉस्पिटल के मोर्ग में रखा गया है। फैमिली फ्रेंड डॉ अरुण कुमार ने बताया की दिल्ली और मुंबई में जॉब कर रहे डॉ प्रसाद के दो बेटे और बेटी मंडे को जमशेदपुर पहुंच गए हैं। साथ ही मुजफ्फरपुर से उनकी फैमिली के दूसरे मेंबर्स भी आ रहे हैं। उन्होंने कहा की सबकी मौजूदगी में ट्यूजडे को अंतिम संस्कार किया जाएगा।


इन्सपेक्शन में उनकी इतनी ग्रिलिंग हुई कि जान चली गई। ये टॉर्चर है। डॉक्टर्स को सही काम करने का मौका नहीं मिलता।
-डॉ केपी दूबे, प्रेसिडेंट, आईएमए

वो पहले से दिल के मरीज थे। किसी भी तरह का तनाव उनके लिए खतरनाक था। हमें मुश्किल कंडीशन में काम करना पड़ता है। लोग डॉक्टर्स के बारे में भी सोचें।
-डॉ सीबीपी सिंह, एमजीएम


हॉस्पिटल में इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है, लेकिन किसी एक व्यक्ति द्वारा इसमें सुधार नहीं किया जा सकता। व्यवस्था में सुधार के लिए सभी का सहयोग जरूरी है।
-डॉ एके सिंह, डिप्टी सुपरिंटेंडेंट, एमजीएम


उनकी मौत हार्ट अटैक से हुई। डॉक्टर्स सोसाइटी के लिए ये एक क्षति तो है ही साथ ही मेरे लिए एक व्यक्तिगत क्षति भी है।  
-डॉ अरुण कुमार, एमजीएम

अपमानित करने का एक लंबा दौर उनकी मौत की वजह बना। लोगों के सामने बेइज्जत किया जाए, तो स्थिति अच्छी नहीं हो सकती।
-डॉ मुरली, एमजीएम

उनकी कमी पूरी नहींहो सकती। वे एक अच्छे डॉक्टर और बेहतर इंसान थे। दुख की इस घड़ी में हम सभी उनकी फैमिली के साथ हैं।
-डॉ निर्मल कुमार, एमजीएम

आईएमए 29 अगस्त को डीसी को मेमोरेंडम सौंपेगा। डॉक्टर्स को सुरक्षा और काम करने के लिए एक अच्छा माहौल मिलना चाहिए।
-डॉ मृत्युंजय सिंह, सेक्रेटरी, आईएमए

Report by : abhijit.pandey@inext.co.in