डॉक्टरों ने की 12 घंटे की हड़ताल

एनएमसी बिल के विरोध में आए डॉक्टर

आईएमए के है 1140 डॉक्टर

आगरा। नेशनल मेडिकल कमीशन के विरोध में शहर भर के डॉक्टर शनिवार को हड़ताल पर रहे। डॉक्टरों ने अपने क्लीनिक, अस्पताल, अल्ट्रासाउंड, पैथोलॉजी सेंटर पर नोटिस चस्पा कर संसद में पेश होने वाले एनएमसी बिल का पूर्णरूप से विरोध किया। इस मौके पर सभी डॉक्टरों ने तोता का ताल स्थित आईएमए भवन पर एकजुट होकर सरकार के बिल का विरोध कर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की। कुछ दिनों पहले भी दिल्ली के जंतर मंतर पर हुए प्रदर्शन के बाद आगरा सहित अन्य जनपदों में आईएमए चिकित्सकाें ने हड़ताल शुरू कर दी है।

आईएमए भवन में हुई चर्चा

बाल रोग विशेषज्ञ डॉ। अरून जैन ने बताया कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को समाप्त कर नेशनल मेडिकल कमीशन का गठन किया जा रहा है। जिसका विरोध सभी डॉक्टर कर रहे है। अन्य डॉक्टरों का कहना है कि बिल के पास होने से प्राइवेट मेडिकल कॉलेज और निजी संस्थानों की मनमानी बढ़ जाएगी। इसलिए आईएमए इस बिल को पारित न होने के लिए हर संभव कोशिश कर इसका विरोध करेगा।

12 घंटे में बदहाल हुई चिकित्सा व्यवस्था

एनएमसी बिल के विरोध में डॉक्टरों द्वारा की गई हड़ताल से शहर की चिकित्सा व्यवस्था बेपटरी हो गई। दूर दराज से आए मरीजों को हड़ताल की जानकारी नही थी। ऐसे में मरीजों को बिना इलाज के लौटना पड़ा। इस हड़ताल में इमरजेंसी की व्यवस्थाओं को चालू रखा गया। कोई भी नया केस डॉक्टरों ने नही देखा। ओपीडी सेवाएं ठप्प रही।

क्या है एनएमसी बिल

नेशनल बिल का उद्देश्य देश में चिकित्सा शिक्षा में ऐसी प्रणाली बनाना है जो विश्वस्तर की हो। बिल के माध्यम से चिकित्सा शिक्षा के अंडर ग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट दोनों स्तरों पर उच्चकोटि के चिकिस्तक प्रोफेशनल्स मुहैया करे जाएंगे। एनएमसी अपने विशेषज्ञ डॉक्टरों को अपने क्षेत्र के नवीनतम मेडिकल शोधों को अपने काम में शामिल करने के लिए प्रोत्साहित करेगी। गठित बिल समय समय पर चिकित्सा संस्थानों का मूल्यांकन करेगा। इसके साथ ही नेशनल मेडिकल कमीशन बिल भारत के लिए एक मेडिकल रजिस्टर के रख रखाव की सुविधा प्रदान करेगा। साथ ही नैतिक मानदंड को लागू करवाएगा।