एयर कनेक्टिविटी होने की वजह से वायरस किसी को भी संक्रमित कर सकता है

>Meerut। अभी तक स्वास्थ्य विभाग स्वाइन फ्लू का इलाज नहीं ढूंढ पाया था कि निपाह वायरस ने दस्तक देकर पूरे देश में खतरे की घ्ाटी बजा दी है। केरल के कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में इस वायरस की वजह से कई मौतें हो गई हैं। मेरठ के डॉक्टर्स का कहना है कि इस सीजन में केरल घूमने के लिए हॉट स्पॉट होता है लेकिन अब लोग वहां जाने से बचें क्योंकि एयर कनेक्टिविटी होने की वजह से वायरस किसी को भी संक्रमित कर सकता है।

रहे अलर्ट

भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।

समुद्र तट और साउथ के इलाकों में घूमने से बचें।

कटे हुए फल न खाएं न जूस पीएं।

फलों को अच्छी तरह धोकर ही खाएं।

साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें।

बच्चों का खासतौर से ध्यान रखें।

यह है लक्षण

तेज बुखार, सिर दर्द, चक्कर आना, सांस लेने में दिक्कत, दौरा पड़ना, बेहोशी आना

पहले भी मंडरा चुका है खतरा

2001

सिलीगुड़ी, वेस्ट बंगाल

संक्रमित- 66

डेथ - 45

2011

बांग्लादेश

संक्रमित- 56

डेथ- 50

इनका है कहना

हमारे यहां से लोग केरल घूमने जाते हैं और वहां से लोग यहां के टूरिस्ट प्लेस पर घूमने आते हैं। कनेक्टिविटी है तो वायरस फैलने का खतरा काफी ज्यादा है। फिलहाल सावधानी ही इसका इलाज है।

डॉ। वीरोत्तम तोमर, चेस्ट स्पेशलिस्ट

निपाह वायरस के यहां भी फैलने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। लोगों को फिलहाल एहतियात बरतनी चाहिए। बीमारी लाइलाज है। खासतौर से बाहर के फल और खजूर खाने से बचें।

डॉ। भानू प्रताप कल्याणी, सीनियर फिजिशियन, जिला अस्पताल

हमारे यहां नारियल, केले, खजूर काफी ज्यादा मात्रा में केरल के इलाकों से आते हैं। लोग भी उधर ट्रेवल ज्यादा करते हैं। ऐसे में यहां भी वायरस के आने की संभावनाएं बनी हुई है।

डॉ। संजीव खरे, फिजिशियन, ताेमर अस्पताल

यह है निपाह वायरस

फ्रूट बैट प्रजाति के चमगादड़ इस संक्रमण को तेजी से फैलाते हैं। वजह यह एकमात्र स्तनधारी है, जो उड़ सकता है। पेड़ पर लगे फलों को खाकर यह उन्हें संक्रमित कर देता है। जब इन संक्रमित फलों को इंसान खा लेता है तो वह बीमारी की चपेट में आ जाता है। एक बार संक्रमण फैल जाने पर मरीज 24 से 48 घंटे तक कोमा में जा सकता है। मौत भी संभव है।