घंटों बैठे रहे इंतजार में

हड़ताल से पहले आईएमए का कहना था कि केवल ओपीडी बंद रखी जाएंगीइमरजेंसी सुविधाएं बहाल रहेंगीलेकिन, मंडे को हुआ इसका एकदम उलटासिविल लाइंस स्थित एक निजी हॉस्पिटल में झूंसी से आई सुषमा अपनी नवजात बच्ची को लेकर घंटों बैठी रही लेकिन उसे एडमिट नहीं किया गयागले में स्वेलिंग से बच्ची की हालत नाजुक थीइसी तरह चित्रकूट से आए शिवचरन के परिजन काफी देर इंतजार करने के बाद गवर्नमेंट हॉस्पिटल इलाज के लिए निकल गए

परिजनों को मिलने से रोका

राष्ट्रव्यापी हड़ताल से आउटडोर पेशेंट ही नहीं बल्कि वे पेशेंट भी परेशान हुए जो पहले से एडमिट थेकंपनीबाग के नजदीक स्थित एक नामचीन निजी हॉस्पिटल के गेट के बाहर दर्जनों की संख्या में परिजन खड़े थेउन्होंने बताया कि हड़ताल के चलते उन्हें अपने मरीजों से मिलने नहीं दिया जा रहा हैवह भी तब जबकि डॉक्टर हड़ताल पर हैं और उनका ट्रीटमेंट नहीं हो रहा हैइनमें कुसमीपुर के शंकरलाल, सुनील और बेनकट के रामबहादुर शामिल रहे

नहीं मिली तिल रखने की जगह

शहर के तकरीबन 120 प्राइवेट हॉस्पिटल्स में हड़ताल का असर गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स पर पड़ायहां की ओपीडी सुबह से लेकर दोपहर तक फुल रहीआम दिनों के मुकाबले एसआरएन, बेली और कॉल्विन हॉस्पिटल में डॉक्टरों को दोगुने पेशेंट देखने पड़ेएडमिट होने के लिए भी काफी संख्या में पेशेंट आएवार्डों में जगह नहीं होने की वजह से कई पेशेंट्स को परेशानियों का सामना करना पड़ा.

सांसद, DM, CMO को ज्ञापन

मंडे को इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के सदस्यों ने सांसद कपिल मुनि करवरिया, डीएम अनिल कुमार, सीएमओ रमेश कुमार से मिलकर उन्हें केंद्र सरकार के नाम ज्ञापन दिया गयाहड़ताली डॉक्टर्स ने क्लीनिक स्टैब्लिशमेंट एक्ट, नेशनल काउंसिल फॉर ह्यूमन रिसोर्सेज इन हेल्थ बिल 2011, बैचलर ऑफ रूरल हेल्थ केयर जैसे बिल पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त कीएएमए सचिव डॉबीके मिश्रा ने बताया कि हड़ताल पूरी तरह से सफल रहीउन्होंने हॉस्पिटल्स द्वारा इमरजेंसी सेवाएं बंद किए जाने की बात को नकार दिया