- पांचवे दिन भी जारी रही डॉक्टरों की हड़ताल

- डॉक्टर्स ने रैली निकालकर डीएम को दिया ज्ञापन

- एसएन मेडिकल कॉलेज में पसरा रहा सन्नाटा

AGRA। रोज हजारों मरीजों से भरा रहने वाले एसएन मेडिकल कॉलेज में वेडनसडे को सन्नाटा पसरा रहा। इमरजेंसी से लेकर मेडिसिन डिपार्टमेंट तक में कोई भी मरीज नहीं आया। डॉक्टरों की हड़ताल पांचवे दिन भी अपने चरम पर थी। डॉक्टरों ने काम नहीं किया, तो मरीज भी इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज नहीं पहुंचे। सारे वार्ड और बैड खाली पड़े रहे। साथ ही जो मरीज इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज पहुंचे उन्हें भी बैरंग वापस लौटना पड़ा। डॉक्टरों ने रैली निकालकर डीएम को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कानपुर में हुए बवाल की निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

'अब ले जाओ, यहां हड़ताल है'

एसएन मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन डिपार्टमेंट में एडमिट पेशेंट्स हड़ताल के चलते पहले ही जा चुके थे। जो बाकी रह गए, वे भी वेडनसडे को सामान बांधकर मरीज को ले गए। क्क् फरवरी को मेडिसिन डिपार्टमेंट में एडमिट हुई एक महिला को एसएन मेडिकल कॉलेज से हड़ताल की वजह से जाना पड़ा। हालत में सुधार न होने पर परिजन उसे प्राइवेट डॉक्टर के यहां ले गए। महिला के परिजनों ने बताया कि अब डॉक्टर्स ने कह दिया है कि यहां से ले जाओ। रात को वार्ड खाली रहता है, अकेले मरीज को छोड़ने में डर लगता है। हड़ताल ने परेशानी खड़ी कर दी है।

सड़क पर फूटा गुस्सा

कानपुर में हुए बवाल के बाद भी सरकार की निष्क्रियता को लेकर डॉक्टरों का गुस्सा पांचवे दिन भी सातवें आसमान पर था। डॉक्टर्स ने सुबह से इमरजेंसी के गेट को स्ट्रेचर लगाकर बंद कर दिया था। इसके बाद उन्होंने दोपहर में इकट्ठे होकर रैली निकाली। रैली इमरजेंसी से शुरु होकर कलक्ट्रेट तक पहुंची। इस दौरान डॉक्टर्स ने जमकर सपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इसमें आईएमए ने जमकर डॉक्टर्स का साथ दिया। डॉक्टर्स ने डीएम मनीषा त्रिघाटिया को ज्ञापन देकर कार्रवाई कराने की बात कही। रैली के दौरान डॉक्टर्स हाथ में पोस्टर्स लेकर अपना विरोध दर्ज करा रहे थे। डॉक्टर्स ने कानपुर में हुए बवाल की फोटो और वीडियो भी डीएम को सौंपीं। वहीं, शाम को कैंडिल मार्च निकालकर विरोध प्रदर्शन किया।