-केजीएमयू प्रशासन को रेजीडेंट डॉक्टरों ने पत्र लिखकर दिया 24 घंटे का अल्टीमेटम

-सातवें वेतन आयोग और एसजीपीजीआई के समान वेतन भत्ते की है मांग

LUCKNOW: केजीएमयू के रेजीडेंट डाक्टरों ने आर-पार की लड़ाई का मूड बना लिया है। वे लंबे समय से संजय गांधी पीजीआई के डॉक्टर्स के बराबर वेतनमान व भत्ते एवं सातवें वेतन आयोग को लागू करने की मांग कर रहे हैं। मांगे पूरी न होने पर अब वे तीन अप्रैल से चिकित्सा सेवाएं ठप कर सकते हैं। हालांकि इस दौरान इमरजेंसी सेवाएं बहाल रहेंगी। इसका अल्टीमेटम उन्होंने दे दिया है।

काला फीता बांध कर करेंगे काम

रेजीडेंट डॉक्टरों का कहना है कि पिछले दो वर्षो से उन्हें सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है। इसलिए वे मंगलवार से चिकित्सा सेवाओं का बहिष्कार करेंगे। संडे शाम रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन की बैठक में इसका निर्णय लिया गया। रेजीडेंट्स ने कहा कि वे सोमवार को काला फीता बांध कर काम करेंगे। इसके बाद भी मांगे पूरी न हुई तो वे इमरजेंसी सेवा भी ठप कर सकते हैं।

पहले भी लगा चुके हैं गुहार

रेजीडेंट डॉक्टर पूर्व और वर्तमान सीएम से भी मांगों को लेकर गुहार लगा चुके हैं। केजीएमयू के रेजीडेंट पूर्व वीसी प्रो। रविकांत और पूर्व सीएम अखिलेश यादव से भी मिले थे। इसके बाद वर्तमान वीसी प्रो। एमएलबी भट्ट और वर्तमान चीफ मिनिस्टर योगी आदित्यनाथ से भी मिले। इसके बाद चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन से कई बार मुलाकात कर अपनी मांगों के बारे में बताया। हर बार उन्हें आश्वासन तो मिला लेकिन कोई नतीजा सामने नहीं आया।