कभी पृथ्वी थी क्षुद्रग्रह बेल्ट का हिस्सा
अंतरिक्ष चट्टानें, जो कि आमतौर पर मंगल और बृहस्पति के बीच तारों की कतार का एक हिस्सा होती हैं, इनको कभी-कभी पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में पकड़ा गया है। ऐसा माना जाता है कि ये चट्टानें आमतौर पर वॉशिंग मशीन से ज्यादा बड़ी नहीं होती हैं। अपनी सामान्य कक्षा में लौटने से एक साल पहले तक पृथ्वी ऐसी ही किसी क्षुद्रग्रह बेल्ट का हिस्सा थी। हालांकि ये चट्टानें इतनी सख्त हैं कि वैज्ञानिकों को इसपर स्टडी करने से पहले अपने कंप्यूटर मॉडल्स पर भरोसा करना होगा।

डॉक्टर जेडिक ने बताया
हवाई इंस्टीट्यूट फॉर एस्ट्रोनॉमी के डॉक्टर रॉबर्ट जेडिक ने 3 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन के साथ बैठक में बताया कि इनमें से सिर्फ एक को जाना जाता है, ये काल्पनिक नहीं है। दरअसल 2006 में 'मिनी मून' के सवाल की खोज की गई और पृथ्वी एक साल में परिक्रमा करके क्षुद्रग्रह बेल्ट में वापस आ गई। क्षुद्रग्रह 10 फीट चौड़े हैं, लेकिन अन्य मिनी मून की तुलना में बड़े हैं। डॉक्टर रॉबर्ट जेडिक ने इनकी संभावना का गुणा-भाग किया कि किस दिए हुए समय पर पृथ्वी के एक से ज्यादा चांद होंगे।   

किया सुपर कम्प्यूटर का इस्तेमाल
सुपर कम्प्यूटर का इस्तेमाल करके उन्होंने 10 लाख क्षुद्रग्रहों के पारित होने की नकल की। तब उन्होंने 18,000 ऑब्जेक्ट्स की एक ऐसी वक्ररेखा को ट्रैक किया, जो पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से कैप्चर की गई है। उसके बाद वो निष्कर्ष पर पहुंचे कि करीब 3 फीट की दूरी पर एक चांद होना चाहिए, जो पृथ्वी की परिक्रमा करते हैं। हमारे मुख्य चांद की तरह इन मिनी मून्स के पास भी साफ परिपत्र कक्षाएं नहीं हैं, लेकिन ये अनियमित कक्षाओं में घूमते-फिरते रहते हैं। वे पृथ्वी, चांद और सूरज से कई दिशाओं में खिंच रहे हैं।

तो क्‍या चंदा मामा के अलावा और भी हैं पृथ्‍वी के moon! 

एक मिनी मून पर विस्तार से स्टडी  
अब डॉक्टर जेडिक इनमें से एक मून को कैप्चर करना चाहते हैं, ताकि वो सिर्फ चट्टान के एक टुकड़े पर स्टडी कर सकें। हो सकता है कि ये सोलर सिस्टम के शुरुआती दिनों से अब तक बदले न हों। ये मंगल और बृहस्पति के बीच क्षुद्रग्रह बेल्ट की लंबी यात्रा के बारे में भी विकल्प प्रदान कराते हैं। इन मिनी मून्स का भी हमारे जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है। इसको लेकर नासा की ओर से दो मुमकिन तकनीकों की भी घोषणा की गई। इनमें पहला कॉन्सेप्ट होगा मुक्त अंतरिक्ष में पूरी तरह से एक बहुत छोटे से तारे पर कब्जा करना। दोनों कॉन्सेप्ट 33 फीट के एक क्षुद्रग्रह को चंद्रमा की कक्षाओं में जोड़ने को लेकर होंगे।  
 
ऐसा बताया गया मिनी मून्स का आकार
नासा का ऐसा मानना है क्षुद्र ग्रह की खोज इंसानों के मंगल ग्रह मिशन को लेकर काफी महत्वपूर्ण होगी। वहीं डॉक्टर जेडिक के अनुसार अगर हम और भी कई मिनी मून्स को पहचानने में सफल हुए तो ये उसके लिए एक शॉर्टकट साबित होगा। 2006 में यूनीवर्सिटी ने एक सर्वे किया जिसमें मिनी मून का साइज कार के आकार का बताया गया। डॉ. जेडिक कहते हैं कि ये मिनी मून्स वैज्ञानिक तौर पर भी काफी रोचक हैं। उनका कहना है कि एक दिन मिनी मून को धरती पर वापस लाया जा सकेगा।

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