- फिर किसान विरोधी भूमि अधिग्रहण बिल बीजेपी लायेगी।

- नीतीश ने जो भी वादे किए उसे पूरा नहीं किया

PATNA : मा‌र्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी बुधवार को पटना में थे। येचुरी इन दिनों विधानसभा चुनाव को लेकर बिहार में काफी सक्रिय हैं, और विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में सभायें भी कर रहे हैं। बुधवार को पटना में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए येचुरी ने कहा कि केंद्र की शासन को तो जनता देख ही रही है। जनता में निराश है। साथ ही बिहार की सरकार से भी लोगों में असंतोष है। उन्होंने कहा कि वामपंथ ही बिहारियों को जनशासन देगी। उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार कारपोरेट घरानों की सरकार बन कर रह गयी है।

दाल मिलती नहीं है मांस कहां से खायेंगे

बीफ पर मचे बवाल पर योचुरी ने कहा कि यह जनता को मुद्दे से भटकाने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि लोगों को दाल और प्याज नसीब नहीं हो रहा है वे मांस कहां से खा पायेंगे। येचुरी ने जहां नीतीश को अवसरवादी कहा वहीं बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार आरएसएस के वर्णाश्रम वाले मॉडल को देश में लागू करना चाहती है। उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के बाद एक बार फिर किसान विरोधी भूमि अधिग्रहण बिल बीजेपी लायेगी।

वामपंथ ही है बिहार में विकल्प

येचुरी ने विकास के गुजरात मॉडल की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि पटेल गुजरात में अमीर कम्यूनिटी है। यही कम्यूनिटी अमेरिका में मोदी के स्वागत में खड़ी रहती है। हैरत की बात है कि यही कम्युनिटी गुजरात में आरक्षण मांग रही है। उन्होंने कहा कि देश का कितना विकास हुआ यह हमसब देख रहे हैं। लेकिन देश के पूंजीपतियों की समपत्ति इतने दिनों में ढाई गुणा बढ़ गयी है। लेफ्ट युनिटी पर बोलते हुए येचुरी ने कहा कि कुछ सीटों पर फ्रेडली की बातें सामने आ रही है लेकिन अगर कोई समस्या है तो उसे जल्द ही शॉर्ट आउट कर लिया जायेगा।

सरकारी संस्थानों का भगवाकरण हो रहा

माकपा के महासचिव ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार सरकारी संस्थाओं को भगवाकरण कर रही है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का आरक्षण संबंधी बयान कोई नया नहीं है। आरएसएस के साथ भाजपा भी हमेशा से आरक्षण के प्रावधानों का विरोध करती रही है। चूंकि संविधान में आरक्षण का प्रावधान है, इसलिए इसे खत्म नहीं किया जा सकता। येचुरी ने लालू-नीतीश पर बिहार की जनता को झांसा देकर और जातीय गोलबंदी करके सत्ता में बने रहने का आरोप लगाया। कहा कि नीतीश कुमार ने अपने दस साल के शासन में जनता से जो वादे किए, वे पूरे नहीं हुए। भूमि सुधार आयोग व अमीर दास आयोग की सिफारिश तथा रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया।