- नसबंदी के लिए निगम कर रहा इंतजाम, क्रॉस ब्रीडिंग पर लगेगी रोक

- एनीमल बर्थ कंट्रोल प्लान के तहत आवारा कुत्तों के आतंक से मिलेगी निजात

VARANASI

शहर में कुत्तों के बढ़ते हमले की बड़ी वजह क्रॉस ब्रीडिंग (अलग-अलग नस्ल के कुत्तों में प्रजनन)। इससे से कुत्तों में हिंसक प्रवृत्ति बढ़ रही है। क्रास ब्रीड के मेल डॉग में आक्रामकता बढ़ाने वाले हारमोन्स बनते हैं। वहीं कुत्तों को खाना न मिलना भी उनके आक्रामक होने की वजह है। पहले घरों से खाना मिल जाता था, लेकिन जब खाना नहीं मिलता तो भूखे कुत्ते आक्रामक हो जाते हैं। यह कहना है नगर निगम के पशु चिकित्साधिकारी डॉ। असलम अंसारी का।

एनजीओ को देंगे जिम्मेदारी

शहर में आवारा कुत्तों के आतंक से निजात दिलाने के लिए नगर निगम अभियान चलाएगा। एनीमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) प्लान के तहत मेल डॉग की नसबंदी की जाएगी। इसके लिए दो एनजीओ को जिम्मेदारी दी जाएगी। साथ ही निगम के पशु अस्पताल में भी यह व्यवस्था रहेगी।

इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

प्रभावी रोकथाम का निर्देश

शहरों में कुत्तों के बढ़ते आतंक पर शासन ने चिंता जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने भी आवारा कुत्तों के आतंक पर रोक लगाने का आदेश दिया है। पिछले दिनों लखनऊ में हुई बैठक में नगर निगम के अफसरों को इसकी प्रभावी रोकथाम करने के निर्देश दिए। इसके बाद नसबंदी के लिए कवायद तेज हो गई है। फिलहाल यह व्यवस्था मेल डॉग के लिए होगी। वहीं पालतू कुत्तों के स्टेरिलाइजेशन के लिए निगम के पशु अस्पताल में पहले से ही व्यवस्था है।

शासन की गाइडलाइंस

- आवारा कुत्तों की नसबंदी की जीएगी।

- स्टेरिलाइजेशन के बाद तीन दिन तक डॉक्टर चेकअप करेंगे।

- तीन दिन तक डॉग को पुष्टाहार दिया जाएगा।

- शहर में कुत्ता पालने वालों का रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है।

- ब्रीडिंग करने व कराने का लाइसेंस हाेना चाहिए।

एक नजर

- 40 हजार कुत्ते हैं शहर में

- 2 एनजीओ करेंगे नसबंदी

- 10 निगम कर्मी करेंगे सहयोग

शासन के निर्देश पर कुत्तों की नसबंदी की जाएगी। जिससे बर्थ कंट्रोल हो सके और उनमें हिंसक प्रवृत्ति कम हो सके। इसका टेंडर जल्द फाइनल किया जाएगा।

डॉ। नितिन बंसल, नगर आयुक्त