JAMSHEDPUR: शहर में कुत्तों का आंतक जारी हैं। रोजाना 10 से 15 लोग आवारा कुत्तों के शिकार हो रहे हैं। बिरसानगर में एक बच्चे को कुत्तों ने नोचकर मार डाला था। इसके बाद टेल्को में एक छात्र को काट लिया। इससे पूरे शहर में दहशत फैली हुई हैं। मंगलवार को भी शहर के अलग-अलग क्षेत्र के कुल 11 लोगों को अवारा कुत्तों ने काट लिया।

सभी पीडि़तों ने एमजीएम अस्पताल के ओपीडी में एंटी रेबीज इंजेक्शन लिया। दिनभर ओपीडी में नये व पुराने मरीजों को मिलाकर कुल 57 लोगों को इंजेक्शन दिया गया। सोमवार को भी कुल 13 लोगों को कुत्तों ने काट लिया था। शहर में रेडक्रास, टीएमएच, सदर अस्पताल सहित कई निजी नर्सिगहोमों में एंटी रेबीज इंजेक्शन दिया जाता है। इन केंद्रों का आंकड़ा देखा जाए तो हर दिन 20 से अधिक लोगों को आवारा कुत्ता काट रहे हैं। अलग-अलग क्षेत्रों से हर माह करीब 400 से अधिक लोग इसके चपेट में आते है।

24 घंटे के अंदर एंटी रेबीज जरूरी

चिकित्सकों का कहना है कि कुत्ता काटने के 24 घंटे के अंदर एंटी रेबीज का इंजेक्शन लेना अनिवार्य हो जाता हैं। जागरूकता के अभाव में कई लोग देर से इंजेक्शन लेते हैं। इससे पीडि़तों को रेबीज होने की संभावना बढ़ जाती हैं। रेबीज एक वायरस होता है। अगर यह किसी जानवर मे फैला हो और वह जानवर हमें काट ले तो हमें रेबीज हो सकता है और मरीज की मौत हो जाती है।

स्टेशन में भी कुत्तों का आतंक

उधर टाटानगर स्टेशन पर कुत्तों का आतंक जारी है। आवारा कुत्ते स्टेशन परिसर के अलावा प्लेटफार्म पर भी घूमते रहते हैं। प्लेटफार्म के करीब दो दर्जन कुत्तों से यात्री भयाक्रांत रहते हैं। स्टेशन निदेशक के आदेश के बाद सफाई कर्मी कुत्तों को भगाने का प्रयास करते हैं किंतु वे पूरी तरह से सफल नहीं हो पाते। एक प्लेटफार्म से खदेड़ने के बाद कुत्ते दूसरे प्लेटफार्म पर अपना डेरा डाल देते हैं। टाटानगर हेल्थ डिमार्टमेंट के पास ऐसा कोई उपकरण नहीं है जिससे वे कुत्तों को दबोच सके। मंगलवार को स्टेशन निदेशक ने अधिकारियों के साथ बैठक कर कुत्तों को बाहर का रास्ता दिखाने पर विचार-विर्मश किया। जल्द ही स्टेशन के अधिकारी कुत्तों को पकड़ने के लिए जुस्को के साथ पत्राचार करेंगे।