-आई-स्पेशल
-वन विभाग ने सीमा से सटे मार्गो पर बढ़ाई सुरक्षा
-पुलिस के साथ मिलकर की जाएगी जांच
-पुलिस के डॉग स्क्वॉयड की भी ली जाएगी मदद
>DEHRADUN: उत्तराखंड में बारिश के चलते बढे़ शिकारियों के खतरे से निपटने के लिए वन विभाग ने सीमाओं को अभेद करने के लिए सुरक्षा बढ़ा दी है। वन सीमाओं के साथ सीमा मार्गो से होकर गुजरने वाले मार्गो पर डॉग स्क्वॉयड भी सुरक्षा में तैनात रहेंगे, इसमें पुलिस से भी मदद मांगी गई है।
वन विभाग के पास चार डाॅग स्क्वॉयड
वन विभाग के पास अपने चार डॉग स्क्वॉयड हैं। इनसे कार्बेट पार्क, राजा जी पार्क, नंधौर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी आदि में हैं। समय-समय पर इनके जरिए वन विभाग की टीम शिकारियों की तलाश करती रहती है, ताकि बरसात में शिकारियों को जंगलों में घुसने से रोका जा सके।
टाइगर्स पर मंडरा रहा है बड़ा खतरा
इस साल के शुरुआत में पांच टाइगर का शिकार होने का मामला सामने आया था। यह सभी टाइगर्स कार्बेट पार्क में मारे गए थे। ऐसे में सबसे संवेदनशील कार्बेट टाइगर रिजर्व ही हैं। चूंकि इसकी सीमा उप्र के बिजनौर, मुरादाबाद, पीलीभीत से लगी है, इसके चलते वहां के वन विभाग के साथ संयुक्त गश्त सीमा पर शुरू कर दिया गया है।
गांवों में चल रहा तलाशी अभियान
नेशनल पार्क की सीमाओं पर बसे गांवों में संदिग्धों पर नजर रखने के लिए मुखबिर तैयार किए गए हैं। इसके अलावा वहां संदिग्धों के घरों में तलाशी भी की जा रही है। किसी भी नए व्यक्ति के आने पर उसकी जांच की जा रही है।
जंगलों में पहुंची टीम
वन विभाग ने रिजर्व फॉरेस्ट के दुर्गम क्षेत्र में टीम को स्थायी रूप से रोकने का इंतजाम कर दिया है। यह ऐसी टीमें जो पूरी बरसात सीजन में जंगलों के अंदर रहेगी। इसके लिए तीन महीनों का राशन, दवाई, एंटी स्नेक वेनम सहित तमाम जरूरी चीजें उपलब्ध करा दी गई है। माना जा रहा है कि बरसात में रास्ते टूटने के कारण इन क्षेत्रों में गश्त नहीं हो पाती थी, इसका फायदा शिकारी उठाते थे। अब वहां वन विभाग की टीम की निगरानी रहेगी।
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जंगलों की सुरक्षा को बरसात सीजन में अभियान चल रहे हैं। वन विभाग की टीमें डॉग स्क्वॉयड के साथ अभियान चला रही हैं, ताकि शिकारियों पर नकेल कसी जा सके। आसपास के गांवों में भी तलाशी अभियान चल रहा है।
--डीबीएस खाति, मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक