आंकड़े भी किए पेश

इस शो के दौरान आमिर ने कुछ आंकड़े भी पेश किए. नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के मुताबिक देश में 40 फीसदी औरतें घरेलू हिंसा की शिकार हैं. हर दूसरी महिला घरेलू हिंसा की शिकार है. युगातर की रिपोर्ट के मुताबिक 84 फीसदी महिलाएं किसी न किसी तरह से घरेलू हिंसा की शिकार हैं.

कड़वी सच्चाई किया बयान

इस शो में शामिल होने आई मुंबई की स्नेहलता ने अपने जीवन की उस कड़वी सच्चाई को बयान किया जिससे वह वर्षो तक सहती रही. लेकिन उन्होंने शो के दौरान यह माना कि यदि किसी महिला के साथ घरेलू हिंसा होती है तो वह पहले ही दिन अपने पति को नहीं रोकेगी तो इसका परिणाम बेहद घातक होगा. उन्होंने कहा कि अपने पति की जाद्दतियां सहते सहते उसने कई वर्ष इसी इंतजार में निकाल दिए कि शायद वह सही हो जाए. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अंत में उन्हें वह कदम उठाना पड़ा जिसकी इजाजत शायद हमारा समाज हमें नहीं देता है. वह न सिर्फ अपने पति से अलग हुई बल्कि आज बतौर फ्रीलांस जर्नलिस्ट की हैसियत से वह काम भी कर रही हैं. इसके अलावा वह छोटे बच्चों को भी पढ़ाती हैं.

पुलिस स्टेशन या हॉस्पिटल

आमिर ने कहा कि महिला अपने साथ हिंसा होने पर दो जगहें जाती हैं. पुलिस स्टेशन और हॉस्पिटल. पुलिस स्टेशन तो वह कम ही जाती हैं. लेकिन, अस्पताल तो उनको जाना ही पड़ता है. बाद्रा के भाभा हॉस्पिटल में उनकी टीम ने पता लगाया कि अस्पताल में आनेवाले टोटल मरीजों में घरेलू हिंसा की शिकार 40 प्रतिशत महिलाएं होती हैं.

रश्मि ने दिखाई हिम्मत

इस शो में शामिल होने आई रश्मि आनंद के साहस की भी आमिर ने सराहना की. रश्मि आनंद एक कामयाब लेखिका हैं. इसके अलावा वह दिल्ली पुलिस की महिला शाखा केंद्र में घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं की काउंसिलिंग करती हैं. उन्होंने भी घरेलू हिंसा का विरोध करते हुए शादी के दस वर्ष बाद अपने पति से अलग होते हुए जिंदगी बसर करने का निर्णय लिया. रश्मि मानती हैं कि जब दो हाथ कुचलते हैं तो भगवान सहारे के लिए पाच सौ हाथ देते हैं.

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