-अपने ही घर में सुरक्षित नहीं हैं महिलाएं

-राज्य महिला आयोग के आंकड़े हैं चिंता में डालने वाले

-प्रॉपर्टी के चलते जान से मारने की धमकी के सबसे ज्यादा हैं मामले

-1532 मामले आए 2016-17 में

-1412 मामले थे 2014-15 में

-1068 मामले दर्ज हुए 2012 में

कितने केस, क्या है वजह?

-336 मामले प्रॉपर्टी के चलते

-282 मामले मेंटल टॉर्चर

-267 मामले मारपीट और दहेज

देहरादून

उत्तराखंड में महिला अपराध के आंकड़े बयां करते हैं कि महिलाएं अपने ही घर में सुरक्षित नहीं हैं। घर से बाहर महिलाओं के साथ हो रहे अपराध के मामलों से ज्यादा मामले घरेलू हिंसा के दर्ज हुए हैं। राज्य महिला आयोग के मुताबिक वर्ष 2016-17 में घरेलू हिंसा के 1532 मामले दर्ज किए गए जबकि 2014-15 में 1412 मामले दर्ज किए गए थे।

वजह हैं अलग-अलग

राज्य महिला आयोग में घरेलू हिंसा के जो मामले महिलाओं ने दर्ज कराए हैं उनकी वजहें अलग अलग हैं। इनमें सबसे ज्यादा मामले प्रॉपर्टी के झगड़ों को लेकर जान के खतरे के हैं। इसके बाद मेंटल टॉर्चर और डोमेस्टिक वॉयलेंस के मामले हैं। आयोग में 2016-17 में जो मामले दर्ज हुए हैं उनमें 336 मामले जान के खतरे और प्रॉपर्टी के हैं। 282 मामले मेंटल टॉर्चर के दर्ज हुए जबकि 267 केस घरेलू हिंसा और दहेज के दर्ज किए गए।

4 साल में डेढ़ गुना बढ़े केस

राज्य महिला आयोग के आंकड़े बताते हैं कि महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा के मामले पिछले चार सालों में डेढ़ गुना से ज्यादा बढ़ गए हैं। वर्ष 2012 में आयोग में ऐसे कुल 1068 केस दर्ज किए गए थे।

राज्य महिला आयोग के मुताबिक देहरादून में डोमेस्टिक वॉयलेंस के मामले सबसे ज्यादा दर्ज किए गए हैं। इसके बाद हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिलों का नंबर आता है। देहरादून राज्य की राजधानी है और देश का जाना-माना एजुकेशन हब भी है। देहरादून में सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे लोग रहते हैं। इसके बाद भी महिलाओं के साथ हो रही घरेलू हिंसा में दून का नाम टॉप पर है। ये एक शर्मनाक बात है। राज्य में सबसे ज्यादा महंगी प्रॉपर्टी देहरादून में ही है और प्रॉपर्टी से जुड़े घरेलू हिंसा के मामले इसीलिए देहरादून में बढ़ भी रहे हैं।

महिलाओं के नाम पर ज्यादा प्रॉपर्टी

नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे के आंकड़े बताते हैं कि उत्तराखंड देश के ऐसे नौवें नंबर का राज्य है जहां महिलाओं के नाम पर प्रॉपर्टी ज्यादा है। सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक उत्तराखंड में ये प्रतिशत 29.2 है। ऐसे में प्रॉपर्टी के चक्कर में महिलाओं को उनके ही अपनों से जान से मारने की धमकी के मामले ज्यादा आ रहे हैं।