फन के साथ दे सकते हैं मैसेज

वॉव, इट्स ग्रेट। ऐसा मौका कम ही मिलता है जब हम सोसायटी को फन के साथ कोई मैसेज दे सकें। ऐसा ही मौका लेकर आया है आई नेक्स्ट बाइकाथन सीजन फाइव। जिसमें आपको साइक्लिंग का चांस तो मिलेगा ही, इसके साथ लोगों को बता सकते हैं कि कैसे इस हैबिट के जरिए इन्वॉयरमेंट को सेव और खुद को फिट रख सकते हैं। इस बात को फिलहाल यंगस्टर्स बखूबी समझ रहे हैं और इसी का रिजल्ट है कि वह इस मौके से चूकना नहीं चाहते। पिछले कुछ दिनों में ही सैकड़ों की तादाद रजिस्ट्रेशन कराकर उन्होंने अपने इरादे भी जता दिए हैं।

सेंटर्स पर लगी है लाइन

24 नवंबर को होने वाले बाइकाथन में पार्टिसिपेट करने के लिए रजिस्ट्रेशन फॉर्म सिटी के लगभग डेढ़ दर्जन सेंटर्स पर अवेलेबल हैं। हालात यह है कि लोग लगातार वहां रजिस्ट्रेशन के लिए पहुंच रहे हैं। इतना ही नहीं वह आई नेक्स्ट के ऑफिस में आकर भी दस्तक दे रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में रजिस्ट्रेशन ओपेन होने के बाद अभी तक सैकड़ों की तादाद में फार्म फिलअप हो चुके हैं और अभी यह सिलसिला जारी रहेगा। बता दें कि रजिस्ट्रेशन कराने वाले प्रत्येक मेंबर को टीशर्ट, कैप और सर्टिफिकेट प्रोवाइड कराया जाएगा। इसके अलावा उसके पास प्राइज जीतने का भी बेहतरीन मौका होगा।

कुछ अलग करने की चाहत है दिल में

हर बार की तरह इस बार भी सिटी के कई स्कूलों से भी जबरदस्त पार्टिसिपेशन होना है। स्टूडेंट्स बाइकाथन में अपनी भागीदारी के लिए पूरी तैयारी कर चुके हैं। कुछ स्कूलों ने तो इस बार अलग अंदाज में पार्टिसिपेट करने की इच्छा भी जताई है। स्टूडेंट्स का कहना है कि वह बैनर, पोस्टर और मैसेज लिखी तख्ती लेकर सोसायटी को साइकिलिंग से होने वाले बेनिफिट्स के बारे में बताएंगे। इतना ही नहीं कुछ संगठन भी इस बार पार्टिसिपेट करने की इच्छा जता चुके हैं और वह अपने अलग तरह से दस्तक की तैयारी भी कर रहे हैं। बता दें कि रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन भी कराया जा सकता है।

जज्बे से बड़ी नहीं होती उम्र

बाइकाथन के क्रेज का इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि यंगस्टर्स ही नहीं बल्कि ओल्ड एज पर्संस भी इसमें अपनी मौजूदगी को लेकर संजीदा हैं। अशोक विहार कैंट के रहने वाले 68 वर्षीय कृष्ण प्रसाद ऐसे शख्स हैं जिन्होंने पिछले सीजन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है और इस बार भी पूरे जोश-खरोश के साथ मंडे को रजिस्ट्रेशन कराने पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि वह शुरुआत से ही साइकिलिंग करते आ रहे हैं और इसी के चलते आज भी वह पूरी तरह से फिट हैं। साथ ही वह साइक्लिंग को व्हीकल से बढ़ते पॉल्यूशन का करारा जवाब मानते हैं। वह कहते हैं कि जो लोग इससे वाकिफ हैं उन्हें ताउम्र कई खतरनाक बीमारियों से निजात मिल जाती है।

It‘s better option to aware people

मौका साइक्लिंग का हो तो मैं कैसे चूक सकता हूं। अब तक बाइकाथन के सभी सीजंस में पार्टिसिपेट करने वाले समाजसेवी पतविंदर सिंह कहते हैं कि अगर सभी लोग साइकिलिंग को फॉलो करें तो एक साथ कई प्रॉब्लम्स से निजात मिल सकती है। पतविंदर खुद भी लगातार अवेयरनेस प्रोग्राम चलाते हैं और इसके लिए वह साइक्लिंग को ही अपना ऑप्शन चूज करते हैं। सबसे पहले उन्होंने 1999 में उड़ीसा के पीडि़त लोगों के वेलफेयर के लिए साइकिल पर बैनर, पोस्टर लगाकर अवेयरनेस अभियान चलाया था। इसके बाद 1997 से अभी तक नशे के प्रति लोगों को जागरुक करने का बीड़ा उन्होंने साइक्लिंग के जरिए ही उठा रखा है। वोटर्स को जगाना हो या सलाम सचिन कैंपेन या गली-गली जाकर लोगों से खुशी बांटनी हो। पतविंदर साइकिल से ही पहुंचते हैं। इस बार बाइकाथन में भी वे अलग अंदाज में नजर आएंगे।