आदतें तो वही होती हैं जो चेंज ना हो सकें। ऐसा हम बिलीफ करें या ना करें एक्स इंडियन क्रिकेटर और अब पुणे वारियर के कैप्टन दादा सौरव गांगुली पूरी तरह से मानते हैं। इसी लिए अच्छी हो या बुरी वह अपनी आदतें नहीं छोड़ना चाहते हैं।

उनकी फेवरेट हैबिटस में से एक है स्लो रनिंग के चलते रन आउट होने की और अपनी इस आदत को वह आज तक नहीं छोड़ पाए हैं। अपने इंटरनेशनल करियर में वह वन डे में 4 बार और टेस्ट मैच में करीब 23 बार रन आउट हुए है यानि यह शौक उन्होंने टोटल 27 टाइम पूरा किया है।

अपने इस फेवरेट स्टाइल को उन्हों ने आईपीएल में भी कैरी किया है अब तक हुए मैचेज में कुल 5 बार ऐसा हुआ है। आप सरप्राइज्ड  होंगे कि इस बात का हम जिक्र क्यों कर रहे हैं।

एक्च्युली इंटर्स्टिंग पार्ट यह नहीं है कि गांगुली रन आउट हुए बल्कि यह है कि वह अपनी इस हैबिट से अक्सर दूसरों को आउट करा देते हैं। आईपीएल में भी वह खुद सिर्फ एक बार आउट हुए जबकि 4 मौकों पर उन्हों ने दूसरों को रन आउट कराया।

ऐसा किंग्स  इलेविन पंजाब के साथ खेलते हुए पिछले मैच में भी हुआ जब प्रवीण कुमार की बॉल पर सामने खड़े जेसी राइडर को लगा कि एक रन का चांस है और वह आगे बढ़ गए, जबकि गांगुली की निगाह पंजाब के फील्डर पर थी। जब तक उन्होंने जेसी की साइड में देखा और रुकने का इशारा किया तब तक देर हो चुकी थी और राइडर आउट हो गए।

आज भी पुणे का मैच चेन्नई सुपर किंग्स  के साथ है सवाल यह है कि आज गांगुली के क्या इरादे हैं। वैसे भी वह अभी तक अपनी टीम के लिए बल्ले से कुछ खास कांट्रीब्यूशन नहीं दे पाए हैं। आज टीम को उनसे बहुत उम्मीदें हैं जिन्हें अपनी स्पीड को फास्ट करके ही वह विनिंग ट्रैक पर लौट सकते हैं।

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