- रेलवे प्रिमसेज और trains में बिछड़ने वाले बच्चों के लिए रेलवे शुरू करने जा रहा है नयी व्यवस्था

- कैंट स्टेशन सहित देश के सभी स्टेशंस पर बन रहा है चाइल्ड असिस्टेंस सेंटर

- यहां से missing बच्चों का उनके अपनों तक पहुंचना हो जाएगा आसान

-सेंटर में खाने, खेलने से लेकर प्राइमरी ट्रीटमेंट तक का होगा अरेंजमेंट

VARANASI: ट्रेन के सफर में अक्सर ऐसा होता है जब भीड़-भाड़ या किसी और वजह से बच्चे स्टेशन पर छूट जाते हैं। मगर अब रेलवे बोर्ड कुछ इस तरह का इंतजाम कर रहा है कि बच्चे मिस नहीं होंगे। यदि किसी वजह से स्टेशन पर पेरेंट्स से बिछड़ भी गये तो उन्हें तब तक प्रॉपर केयर दिया जाएगा जब तक उनके पेरेंट्स मिल नहीं जाते। रेलवे के इस इनीशिएटिव में क्या कुछ होने जा रहे है, ये भी जान लीजिये आज

स्टेशन पर छूटा बच्चा तो रेलवे ध्यान देगा अच्छा

अब जर्नी में आपको मुन्ने या मुन्नी की चिंता करने की जरूरत नहीं है। ट्रेन में, रेलवे स्टेशन पर या रेलवे प्रिमसेज में कहीं भी यदि आपको बच्चा छूटता है तो रेलवे उसका अच्छी तरह से खयाल रखेगा। खाने-पीने से लेकर खेलने तक की जिम्मेदारी उठाएगा। वो भी तब तक जब तक आप अपने बच्चे तक पहुंच नहीं जाते। रेलवे ने ये ट्रेन या स्टेशन पर पेरेंट्स से बिछड़ जाने वाले बच्चों के लिए एक खास पहल शुरू की है। जल्द ही इस पहल का असर अपने कैंट रेलवे स्टेशन पर भी दिखने लगेगा क्योंकि तैयारी शुरू हो गयी है।

बिलकुल नई है व्यवस्था

रेलवे की इस नयी व्यवस्था को चाइल्ड असिस्टेंस सेंटर नाम दिया गया है यानि अब हर स्टेशन पर चाइल्ड असिस्टेंस सेंटर बनाया जाएगा जहां परिवार से बिछड़े बच्चे को शेल्टर दिया जाएगा। इस व्यवस्था के स्टार्ट होने के बाद यदि किसी का बच्चा जर्नी के दौरान बिछड़ता है तो संबंधित फैमिली को बस उन स्टेशंस से संपर्क करना होगा जिन्हें वो पीछे छोड़ आए हैं। वहां से आपको न सिर्फ अपने खोए बच्चे के बारे में पूरी इंफॉर्मेशन मिलेगी, बल्कि बच्चा भी सही सलामत मिल जाएगा।

प्लैन पर शुरू हुआ काम

रेलवे की ओर से खास प्लैन पर काम शुरू हो चुका है। नये प्लैन के मुताबिक कैंट रेलवे स्टेशन सहित देश भर के सभी स्टेशंस पर चिल्ड्रेन असिस्टेंस सेंटर बनाने का वर्क स्टार्ट हो गया है। यहां न सिर्फ मिसिंग बच्चों के लिए रहने का इंतजाम होगा बल्कि उनके हेल्थ का भी ध्यान रखा जाएगा। इसके लिए खाने-पीने का खास अरेंजमेंट रखा जाएगा जिससे बच्चे को कोई भी प्रॉब्लम न हो और वह सेफ तथा हेल्दी रहे।

खेल-खिलौने भी रहेंगे मौजूद

रेलवे बोर्ड की ओर से जारी डायरेक्शन के मुताबिक स्टेशंस पर बनने वाले असिस्टेंस सेंटर पर लाए जाने वाले मिसिंग बच्चों के लिए खाने से खेलने तक का इंतजाम रहेगा। यहां बच्चों को रहने के लिए रूम, खाने-पीने का सामान, खिलौना, टॉयलेट और बीमार होने पर उन्हें प्राइमरी ट्रीटमेंट की फैसिलिटी भी प्रोवाइड करायी जाएगी। इस सेंटर से चाइल्ड वेलफेयर ऑफिसर, जीआरपी, आरपीएफ, लोकल चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के मेंबर्स लगातार संपर्क में रहेंगे जिससे उनके पेरेंट्स को जल्द से जल्द खोज निकाला जा सके। सेंटर पर बच्चों की देखभाल के लिए एक लेडी कर्मचारी को भी तैनात किया जाएगा।

चाइल्ड प्रोटेक्शन कमेटी बनेगी

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन का ऑर्डर मिलने के बाद सभी जोन्स के जीएम ने इस सेंटर को डेवलप करने पर काम स्टार्ट करा दिया है। बोर्ड के चेयरमैन ने अपने ऑर्डर में इस प्लैन को टॉप प्रॉयरिटी पर रखकर डेवलप कराने को कहा है। लेटर में चिल्ड्रेन असिस्टेंस सेंटर का डिजाइन भी बनाकर भेजा गया है। सेंटर के संचालन के लिए जोन लेवल पर चाइल्ड प्रोटेक्शन कमेटी बनाने का भी डायरेक्शन दिया गया है।

कोर्ट के डायरेक्शन पर हुई है शुरुआत

पिछले दिनों नई दिल्ली की खुशबू जैन ने कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने रेलवे स्टेशंस पर भटके मिले बच्चों की सिक्योरिटी और उन्हें अपनों तक पहुंचाने का इश्यू उठाया था। उन्होंने ऐसे बच्चों के साथ इस दौरान होने वाली घटनाओं का जिक्र भी याचिका में किया था। इसके अलावा उन्होंने कोर्ट से रेलवे को निर्देशित करने का भी आग्रह किया था कि स्टेशन पर अपनों से बिछड़ जाने वाला बच्चा न सिर्फ सही सलामत रहे बल्कि अपने घर भी पहुंच सके। जिसे कोर्ट ने सीरियसली लेते हुए रेलवे को निर्देश दिया कि वह देश भर के सभी स्टेशंस पर चिल्ड्रेन असिस्टेंस सेंटर खोले। इसके बाद रेलवे बोर्ड ने चाइल्ड प्रोटेक्शन कमेटी बनाकर उससे संबंधित नोडल ऑफिसर को चिल्ड्रेन असिस्टेंट सेंटर खोलने का डायरेक्शन जारी किया है।

'रेलवे बोर्ड के ऑर्डर पर एनईआर डिवीजन के अंतर्गत चाइल्ड असिस्टेंस सेंटर के लिए कमेटी का गठन कर लिया गया है। स्टेशंस को भी डिसाइड कर लिया गया है। जल्द ही सेंटर काम करने लगेगा'।

- अशोक कुमार, पीआरओ, वाराणसी डिवीजन, एनईआर