यह आस है बड़ी

दून का नाम वैसे तो यहां की सेकेंडरी एजूकेशन के चलते एजूकेशन हब के नाम से जाना जाता है। लेकिन अब यह तस्वीर हायर एजूकेशन की ओर भी बदलती जा रही है। हायर एजूकेशन में भी दून के आम से माने जाने वाले कॉलेज और उनके बीए व एमए जैसे ट्रेडिशनल कोर्स अब परदेसी छात्रों को भी भा रहे हैं। खास बात यह है कि इन कोर्सेज में दाखिले का प्रॉसेस शुरू होते ही कश्मीर से लेकर केरल तक के छात्र यहां एजूकेशन के लिए आने शुरू हो जाते हैं। इस बार भी यह सिलसिला शुरू हो चुका है।

बस दाखिला चाहिए

डीएवी पीजी कॉलेज में लास्ट ईयर पांच कश्मीर के छात्रों के साथ कथित दलाल किस्म के छात्र नेताओं ने फ्रॉड किया था, जिसकी वजह से उनका दाखिला अटक गया था। इस फ्रॉड के साथ ही यह एक इशारा भी था कि डीएवी कॉलेज की छवि भले ही कैसी भी हो लेकिन दूसरे राज्यों के छात्रों के लिए यह एक बेहतरीन शिक्षा का मंदिर है। एसजीआरआर पीजी कॉलेज में आसाम, कश्मीर, मेघालय से लेकर केरल तक के छात्र शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते हैं। एमकेपी पीजी कॉलेज भी नॉर्थ ईस्ट की गल्र्स का हॉट फेवरेट बना हुआ है। डीबीएस पीजी कॉलेज पहले ही यूजीसी तक के सामने अपना दम दिखा चुका है। इसलिए यहां भी भारी संख्या में दूसरे राज्य के छात्रों के दाखिले होते हैं।

B.Com और M.Sc का क्रेज

दूसरे राज्यों से आने वाले छात्रों में सबसे ज्यादा बीकॉम और एमएससी का क्रेज दिखाई देता है। एसजीआरआर पीजी कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो। वीए बौड़ाई के मुताबिक उनके यहां सबसे ज्यादा दाखिले बीएससी एग्रीकल्चर, बीकॉम और एमएससी की डिफरेंट स्ट्रीम में दूसरे राज्यों के छात्रों के होते हैं। जबकि डीएवी में बीए व एमए कोर्स में दाखिले की भीड़ जुटती है।