- ईएमओ के 9 पद हैं स्वीकृत, तैनात हैं सिर्फ दो डॉक्टर

- 2 डॉक्टरों के लिए सैकड़ों मरीजों को संभालना हो रहा मुश्किल

DEHRADUN: दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के हाल संभाले नहीं संभल रहे। ओपीडी के साथ ही इमरजेंसी का भी बेहद बुरा हाल है। इमरजेंसी में हर समय दो डॉक्टरों की ड्यूटी अनिवार्य है, इस तरह से अस्पताल में कम से कम 8 डॉक्टरों का होना जरूरी है। अस्पताल का हाल यह है कि यहां सिर्फ दो डॉक्टर्स के भरोसे ही इमरजेंसी चल रही है।

ईएमओ के 9 पद हैं स्वीकृत

अस्पताल में ख्ब् घंटे इमरजेंसी सेवा जारी रखने के लिए 9 इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर के पद स्वीकृत हैं, लेकिन स्वीकृत पदों पर भी नियुक्ति नहीं हो पा रही है। इससे रात-दिन इमरजेंसी में पहुंचने वाले मरीजों का इलाज ठीक से नहीं हो पा रहा।

रोज आते हैं सैंकड़ों मरीज

दून अस्पताल की इमरजेंसी में आमतौर पर हर रोज सैकड़ों मरीज पहुंचते हैं। अस्पताल टाइम में इनमें से ज्यादातर मरीजों को ओपीडी में भेज दिया जाता है, लेकिन अस्पताल बंद होने के बाद पूरी रात से लेकर सुबह 8 बजे और छुट्टी के दिन यहां आने वाले हर मरीज को देखना ईएमओ की मजबूरी है। फिलहाल दो ईएमओ बिना कोई छुट्टी लिये काम कर रहे हैं, लेकिन इमरजेंसी में लगातार आने वाले मरीजों को संभालना उनके लिए संभव नहीं हो पा रहा है।

एमएस ने लिखा प्रिंसिपल को पत्र

इमरजेंसी को लेकर अस्पताल के एमएस डॉ। केके टम्टा में मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। प्रदीप भारती गुप्ता को पत्र लिखा है। डॉ टम्टा ने कहा कि दो ईएमओ के लिए इमरजेंसी को संभालना संभव नहीं हो पा रहा है। उन्होंने इमरजेंसी के लिए जल्द से जल्द पांच और डॉक्टरों को नियुक्त करने की मांग की है।