- दून हॉस्पिटल में स्वागत कक्ष बना, पर जानकारी देने वाला कोई नहीं

- एमसीआई के दौरे से ठीक पहले बनाया स्वागत कक्ष

DEHRADUN: मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के विजिट से ठीक पहले दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में एक स्वागत कक्ष बना दिया गया है। इमरजेंसी के पास जहां यह स्वागत कक्ष बनाया गया है, वहां कुछ दिन पहले तक कैंटीन थी। अचानक कैंटीन बंद करके यहां स्वागत कक्ष बना दिया गया, लेकिन यह स्वागत कक्ष जगह घेरने के अलावा किसी काम नहीं है। आमतौर पर यहां कोई कर्मचारी बैठता नहीं और यदि कभी कोई सुरक्षा गार्ड बैठा मिल भी गया तो उसके पास हॉस्पिटल की कोई जानकारी ही नहीं होती।

अक्सर कोई कर्मचारी नहीं बैठता

इस स्वागत कक्ष में एक कुर्सी और एक मेज लगा दी गई है, लेकिन यहां आमतौर पर कोई कर्मचारी नहीं बैठता। स्वागत कक्ष की कुर्सी कर्मचारी के इंतजार में रहती है, लेकिन कोई बैठता नहीं। लोग पूछताछ के लिए स्वागत कक्ष पहुंचते हैं, लेकिन कर्मचारी न होने के कारण उन्हें परेशानी होती है।

कभी-कभी सुरक्षा गार्ड बैठता है

इस स्वागत कक्ष में कभी-कभी किसी सुरक्षा गार्ड को बैठा दिया जाता है, लेकिन उपनल के माध्यम से आये गार्ड को आमतौर पर हॉस्पिटल की कोई जानकारी ही नहीं होती। दिन में कुछ समय के लिए बैठे गार्ड से जब स्वागत के कक्ष के ठीक बगल में बैठे डाक्टर के बारे में पूछा गया तो गार्ड ने किसी और से पता करने की बात कह कर अपनी ड्यूटी पूरी कर दी।

कक्ष में दिखे लावारिस बैग

स्वागत कक्ष का दरवाजा खोलकर जब अंदर झांका गया तो वहां दो लावारिस बैग और एक गठरी नजर आई। आसपास के दूसरे गार्डो से जब इस गठरी के बारे में पूछा गया तो इस बारे में कोई जानकारी नहीं दे पाया।

कोई नहीं जानकारी देने वाला

दून हॉस्पिटल आने वाले मरीजों और उनके तीमारदारों को अक्सर पूछताछ में काफी परेशानी होती है। ओपीडी में बैठने वाले डाक्टर्स, बिलिंग, विभिन्न जांचों, वार्डो आदि के बारे में जानकारी लेने के लिए लोग एक-दूसरे से पूछते नजर आते हैं। उम्मीद की जा रही थी कि स्वागत और पूछताछ कक्ष बन जाने से लोगों को हर तरह की जानकारी यहां मिल जाएगी, लेकिन स्वागत कक्ष सफेद हाथी साबित हो रहा है।

स्वागत कक्ष बना दिया गया है। जल्दी ही यहां परमानेन्ट कर्मचारी की नियुक्ति कर दी जाएगी। वैसे पूरे हॉस्पिटल में संकेतक लगाये गये हैं, फिर भी स्वागत कक्ष में कर्मचारी नियुक्त हो जाने के बाद लोगों को इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा।

केके टम्टा, एमएस, दून हॉस्पिटल।