दून अस्पताल के 35 डॉक्टरों को पहाड़ भेजने की तैयारी?

मैदानी क्षेत्रों से डॉक्टरों को पहाड़ भेजने की कवायद

-दून में केवल मेडिकल कॉलेज फैकल्टी के डॉक्टर रह जाएंगे

DEHRADUN : बड़ी संख्या में डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आने वाले दिनों में डॉक्टरों के लिए मारामारी की स्थिति पैदा होने की संभावना है। चर्चा है कि दून अस्पताल के करीब फ्भ् डॉक्टरों को पहाड़ों में भेजा जा सकता है। उनके स्थान पर दून में कहां से डॉक्टर लाये जाएंगे, इस बारे में अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है। सूत्रों के अनुसार दून अस्पताल सहित मैदानी क्षेत्रों से बड़ी संख्या में डॉक्टरों का तबादला किये जाने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार इस दिशा में शासन स्तर पर जोर-शोर से तैयारियां की जा रही हैं और आने वाले कुछ ही दिनों में डॉक्टरों की ट्रांसफर लिस्ट जारी किये जाने की संभावना है। इस संभावित लिस्ट को लेकर दून अस्पताल में चर्चाओं का बाजार गर्म है।

मैदान से ख्00 डॉक्टरों की लिस्ट

सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकार पहाड़ों में डॉक्टरों को भेजने के लिए हरसंभव प्रयास में लगी हुई है। इसके लिए फिलहाल मैदानी जिलों में काम कर रहे ख्00 डॉक्टरों की सूची शासन स्तर पर बनाई जा रही है। यह सूची जल्दी जारी किये जाने की संभावना है। समझा जा रहा है कि इस सूची में कम से फ्भ् नाम दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टरों के हैं।

केवल ख्ब् डॉक्टर रह जाएंगे जीडीएमसी में

यदि इस तरह की कोई सूची जारी होती है कि राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मात्र ख्ब् पुराने डॉक्टर रह जाएंगे। फिलहाल दून अस्पताल और दून महिला अस्पताल में जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज फैकल्टी के करीब भ्9 डॉक्टर काम कर रहे हैं। इनमें मेडिकल कॉलेज फैकल्टी के ख्ब् डॉक्टर हैं, बाकी फ्भ् जिला अस्पताल के हैं। राज्य सरकार का इरादा जिला अस्पताल के डॉक्टरों को दूर-दराज के क्षेत्रों में भेजने का है, जबकि मेडिकल कॉलेज अस्पताल के लिए नए सिरे से फैकल्टी नियुक्त करने की योजना है। हालांकि अपर प्रमुख सचिव, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा ओम प्रकाश का कहना है कि क्भ् प्रतिशत से अधिक डॉक्टरों का ट्रांसफर नहीं होगा। उनका यह भी कहना है कि दून मेडिकल कॉलेज में जिला अस्पताल के डॉक्टर काम करते रहेंगे, उन्हें मर्ज करना या न करना बाद की बात है।

मानकों की हो रही अनदेखी

आमतौर पर डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों का पहाड़ी और दुर्गम क्षेत्रों में तबादला करने के लिए कुछ मानकों को ध्यान में रखा जाता है, लेकिन इस बार एक साथ बड़े पैमाने पर डॉक्टरों का पहाड़ी क्षेत्रों में तबादला करने की योजना है। ऐसे में संभव तबादले से संबंधित मानकों का पूरी तरह से पालन किया जाना संभव नहीं है। इस स्थिति में यह तबादला प्रक्रिया सरकार के लिए जी का जंजाल बनने की पूरी संभावना है।

फिलहाल दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मेडिकल एजुकेशन फैकल्टी और जिला अस्पताल के डॉक्टर मिलजुल कर काम कर रहे हैं, जिला अस्पताल के डॉक्टरों को अन्यत्र भेजना है अथवा मेडिकल कॉलेज में मर्ज करना है, यह फैसला शासन स्तर पर होना है। हमारी तरफ से जिला अस्पताल के डॉक्टरों का ट्रांसफर करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

डॉ। प्रदीप भारती गुप्ता, प्रिंसिपल राजकीय दून मेडिकल कॉलेज

पहाड़ों में डॉक्टरों को भेजने की प्रक्रिया चल रही है। उन डॉक्टरों को पहाड़ों में भेजा जाएगा जो लंबे समय से मैदानी क्षेत्रों में जमे हुए हैं, उनकी उम्र भ्भ् वर्ष से अधिक नहीं है और उन्हें कोई गंभीर बीमारी नहीं है।

ओम प्रकाश अपर मुख्य सचिव

चिकित्सा एवं चिकित्सा शिक्षा