मामला जेएनयू की तर्ज पर तैयार हो रही दून यूनिवर्सिटी का है। छह दिसंबर 2011 की रात 11 बजे जब हॉस्टल के दो वार्डन और अनुशासन समिति के एक मेंबर हॉस्टल में चेकिंग के लिए गए तो वह चौंक गए। दरअसल यह स्पेशल चेकिंग अल्कोहल के बढ़ते इस्तेमाल की शिकायत के बाद की जा रही थी। एक कमरे में तीन स्टूडेंट्स नशे में धुत शराब पी रहे थे। यूनिवर्सिटी की टीम ने मौके से इन्हें पकडक़र पूरी शराब, सिगरेट और सामग्री सीज कर दी। इसके बाद यह मामला टीचर्स के ही गले की फांस बन गया।

एमबीए के छात्र हैं आरोपी

टीचर्स की ओर से नेहरू कॉलोनी पुलिस स्टेशन में दी गई एक तहरीर के बाद यह मामला और संगीन हो गया। अपनी तहरीर में टीचर्स ने एमबीए फोर्थ सेमेस्टर के तीन स्टूडेंट्स राहुल डोभाल, रोहित रावत और अंकित मित्तल को आरोपी बनाया है। हॉस्टल वार्डन असिस्टेंट प्रोफेसर शिव शंकर मोहंती, वार्डन असिस्टेंट प्रोफेसर नितिन कुमार और अनुशासन समिति के सदस्य असिस्टेंट प्रोफेसर डा। आशीष सिन्हा की ओर से यह तहरीर दी गई है। तहरीर में कहा गया है कि छह दिसंबर 2011 की रात को जब उन्होंने उक्त छात्रों से शराब सीज की तो उन्होंने वहीं से अपना रौब दिखाना शुरू कर दिया।

फेसबुक पर बेहद आपत्तिजनक बातें

इस पूरे मामले को हुए अभी दो घंटे भी नहीं बीते थे कि शराबी छात्रों ने फेसबुक पर कमेंटबाजी शुरू कर दी। राहुल डोभाल की ओर से तीनों टीचर्स को लेकर जिस प्रकार की बयानबाजी फेसबुक पर की गई है, उसकी जानकारी दो दिन बाद दूसरे स्टूडेंट्स ने इन टीचर्स को मिली। जब उन्होंने अपने बारे में लिखे गए अपशब्द देखे तो वह भी चौंक गए। उन्होंने इस मामले की शिकायत फिर यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन से की। इसमें कई शब्द तो इतने आपत्तिजनक हैं कि पढऩे पर ही शर्म महसूस होती है कि आज का छात्र अपने गुरुजनों के सम्मान को कहीं दूर छोड़ आया है।

एडमिनिस्ट्रेशन हुआ फेल

इस मामले की शिकायत जब उक्त टीचर्स ने यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन को की तो उन्होंने फॉर्मल वे में राहुल डोभाल को एक सेमेस्टर के लिए हॉस्टल से बाहर कर दिया, जबकि अंकित मित्तल को एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया। हालांकि राहुल तो हॉस्टल से बाहर चला गया, लेकिन अंकित ने जुर्माना देने के बजाए वीसी से लिखवाकर खुद को हॉस्टल से बाहर करवा लिया। जब टीचर्स ने फेसबुक पर अपशब्दों की शिकायत की तो यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से हीलाहवाली शुरू हो गई। परेशान टीचर्स ने वीसी प्रो। गिरीजेश पंत को बाकायदा ईमेल करके भी शिकायत की, लेकिन नतीजा जीरो ही रहा। इसके बाद खुद टीचर्स ने वीसी से मुलाकात की तो उन्होंने फिर टाल दिया।

अब कोर्ट पर निगाह

यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन के निर्णय लेने में फेल साबित होने के बाद टीचर्स ने पुलिस कंप्लेन की, लेकिन नतीजा यहां भी जीरो ही रहा, क्योंकि फेसबुक और इस प्रकार की हाईटेक मामले पुलिस की समझ से परे थे। थक हार कर अब टीचर्स ने कोर्ट की शरण ली है। टीचर्स का तर्क है कि जो उनके साथ हुआ है, वह कल किसी के भी साथ हो सकता है। अगर अभी इस मामले पर सख्ती न की गई तो आने वाले कल में यह समस्या और बढऩे की आशंका है। अब टीचर्स को कोर्ट से न्याय की उम्मीद है।

एक दूसरे से हिसाब

हॉस्टल के कमरे में शराब पीते पाए जाने पर टीचर्स ने जब स्टूडेंट्स के पास से शराब की बोतलें और अन्य सामान बरामद किए तो स्टूडेंट्स उनसे उलझ पड़े। स्टूडेंट्स ने न केवल टीचर्स से पाए गए सामान की रिसिविंग लिखवाई, बल्कि धमकी भी देने लगे। यह हिसाब देने के बाद कि स्टूडेंट्स के पास से क्या-क्या बरामद हुआ स्टूडेंट्स ने भी फेसबुक के थ्रू हिसाब लेना शुरू कर दिया।

आई नेक्स्ट की पड़ताल

पूरे मामले की जानकारी मिलने के बाद सत्यता जांचने के लिए आई नेक्स्ट की टीम खुद दून यूनिवर्सिटी के ब्वॉयज हॉस्टल पहुंची। यहां की छत पर जो नजारा देखने को मिला, वह वाकई शर्मनाक है। यह नजारा बयां करता है कि यहां हर रोज महफिलें सजती हैं और हर रात पार्टीबाजी आम है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस सबसे वाकिफ होने के बाद भी यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन अंजान बना हुआ है।

शराब की बोतल, नमकीन और गिलास

हॉस्टल की छत पर जाने के बाद पता चला कि वहां तो सीन ही चौंकाने वाला था। छत पर दो शराब की बोतल के अलावा नमकीन, सिगरेट और डिस्पोजल भी भारी संख्या में पड़े हुए थे। देखने पर प्रतीत हो रहा था कि यहां हर रात महफिल सजती है और हर दिन पार्टीबाजी होती है। इसकी कंप्लेन मिलने के बाद ही वीसी ने भी वार्डन को चेकिंग की हिदायत दी थी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इससे पहले भी कई मामलों में हॉस्टल के छात्रों का बदरंग चेहरा सामने आ चुका है।

यूनिवर्सिटी कम लव प्वाइंट ज्यादा

शाम ढ़लने तक दून यूनिवर्सिटी का कैंपस यूनिवर्सिटी कम और लव प्वाइंट ज्यादा नजर आने लगता है। जब हमने यहां के कुछ लोगों से बात की तो उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटी में शाम होते ही केवल लडक़े और लड़कियां ही हाथ में हाथ डालकर घूमती हुई नजर आती हैं। कई बार तो वह अपनी हद भी लांघ जाते हैं, लेकिन शाम होने के बाद यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन को इसकी कोई फिक्र नहीं रहती।

नहीं चलेगी शराब

यूजीसी की ओर से शराब पर सख्त पाबंदी लगाई गई है। यूजीसी की ओर से रैगिंग सर्कुलर की कैटेगरी में जारी किए गए सर्कुलर के मुताबिक यूनिवर्सिटी, कॉलेज कैंपस या हॉस्टल में किसी भी प्रकार की शराब और स्मोकिंग को सख्त बैन किया गया है। अगर कोई छात्र इस प्रकार की एक्टिविटी में इनवॉल्व पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिए जाने का प्रावधान भी किया गया है।