हॉस्पिटल्स, होटल्स, बरातघर समेत कॉमर्शियल भवन ने यूजर चार्जेस पर जताई आपत्ति

सपा पार्षद बोर्ड में रखेंगे रेट कम करने का प्रस्ताव, मेयर ने दिए कमेटी गठन के निर्देश

>BAREILLY:

लड़खड़ाई चाल में बढ़ रही नगर निगम की डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन मुहिम की दिक्कतें कम होने का नाम नहीं ले रही है। निगम के इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर अब यूजर चार्जेस वसूली का संकट गहराने लगा है। घर-घर से कूड़ा उठाने के बदले लिए जा रहे यूजर चार्जेस से शहर का एक तबका नाखुश है। शहर के बरातघर, हॉस्पिटल व होटल्स संचालक समेत अन्य कॉमर्शियल भवन मालिकों ने तय किए गए यूजर चार्जेस रेट पर आपत्ति जताई है। आपत्ति जताने वालों ने निगम के रेट को बेहद बढ़ा हुआ बताया है। वहीं सामान्य लोग भी यूजर चार्जेस पर बेहद नाराज हैं। सैटरडे को यूजर चार्जेस वसूलने गए एक कर्मचारी की पिटाई तक कर दी गई। इससे करोड़ों के खर्च वाली इस मुहिम के जारी रहने पर सवाल खड़े होने लगे हैं।

रेट की समीक्षा करने की मांग

शहर के बारातघरों पर डोर टू डोर के तहत करीब 3 हजार रुपए प्रति महीने का यूजर चार्जेस लिया जा रहा। बारातघर व होटल्स संचालकों ने पहले ही 7 से 11 गुना तक कॉमर्शियल टैक्स बढ़ाए जाने की समस्या गिनाई। इसके बाद बढ़े रेट पर यूजर चार्जेस लिए जाने पर नाराजगी जताई है। वहीं हॉस्पिटल्स संचालकों ने निगम की ओर से बायो मेडिकल वेस्ट का चार्जेस अलग से वसूले जाने की बात कही। इसके बाद बढ़े रेट पर डोर टू डोर का यूजर चार्जेस लिया जाना गलत करार दिया। इन लोगों ने पहले नगर आयुक्त व मेयर से यूजर चार्जेस के रेट की समीक्षा कर इसे कम करने की मांग की है।

पार्षदों की बनेगी कमेटी

यूजर चार्जेस पर शुरू हुए हंगामे पर नगर आयुक्त शीलधर सिंह यादव ने साफ किया था कि रेट बोर्ड की ओर से मंजूर किए गए हैं। वहीं इस पर होटल्स-हॉस्पिटल्स व बारातघर संचालकों ने रेट कम करने के लिए बोर्ड में प्रस्ताव लगाए जाने की मांग की है। साथ ही समीक्षा होने तक बढ़े रेट न लेने की मांग की है। सपा पार्षदों ने इस मामले पर अगली बोर्ड बैठक में प्रस्ताव लगाने का फैसला किया है। वहीं कॉमर्शियल करदाताओं की आपत्ति का मामला बढ़ता देख मेयर डॉ। आईएस तोमर ने भी इस मामले में एक कमेटी गठित करने को कहा है। जिसमें नामित व चुने हुए पार्षदों की एक कमेटी को रेट समीक्षा करने के निर्देश दिए गए हैं।

9 करोड़ खर्च, 14 लाख वसूली

डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन मुहिम में निगम को यूजर चार्जेस वसूली में अनुमानित वसूली न होने का भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। बोर्ड बैठक में निगम ने इस मुहिम को कामयाब बनाने के लिए मार्च 2016 तक करीब 9 करोड़ रुपए खर्च करने का फैसला लिया है, लेकिन इस भारी भरकम खर्च के बदले पब्लिक से होने वाली इनकम ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही है। 2 अक्टूबर से 30 जनवरी तक 4 महीनों के दौरान निगम को जोन 1, 3, 4 और 5 से करीब 14 लाख रुपए ही बतौर यूजर चार्जेस की आमदनी हुई है। जिसमें 13.53 लाख नकद वसूली है। वहीं चेक से करीब 50 हजार रुपए की ही निगम को आमदनी हुई है।

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यूजर चार्जेस पर की पिटाई

डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन मुहिम में पब्लिक व एजेंसी के बीच विरोध की घटनाएं तेज हो रही हैं। एजेंसी के लोगों ने पहले ही मेयर व नगर आयुक्त से कंप्लेन की थी कि लोग यूजर चार्जेस देने में आनाकानी कर रहे हैं। वहीं कई लोगों ने वसूली के लिए एजेंसी के कर्मचारियों पर दबंगई के आरोप लगाए। सैटरडे को बड़ा बाजार स्थित खन्नू मोहल्ला में एक एजेंसी के कर्मचारी का यूजर चार्जेस को लेकर लोगों से विवाद हो गया। जिसके बाद लोगों ने कर्मचारी की पिटाई कर दी। कर्मचारी गीता जनकल्याण शिक्षा समिति एजेंसी का है। यूजर चार्जेस वसूली के दौरान कर्मचारी की पिटाई पर एजेंसी ओनर रकम सिंह भाटी की ओर से नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ। अशोक कुमार से मामले की कंप्लेन की गई है।

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डोर टू डोर मुहिम को भी कमीशनखोरी की बीमारी लग गई है। कंप्लेन मिल रही कि एजेंसी के कर्मचारी यूजर चार्जेस वसूली में दबंगई कर रहे। यूजर चार्जेस बढ़े रेट की समीक्षा व इन्हें कम करने के लिए बोर्ड में प्रस्ताव रखा जाएगा।

- राजेश अग्रवाल, सपा पार्षद नेता

डोर टू डोर के यूजर चार्जेस तो बोर्ड से ही पास हुए हैं। जिन्हें यूजर चार्जेस रेट से आपत्ति है, उनका प्रस्ताव बोर्ड में आया तो बोर्ड ही इस पर विचार करेगा। कूड़ा उठाने के लिए चार्जेस तो देने ही होंगे।

- ईश शक्ति कुमार सिंह, प्रभारी अपर नगर आयुक्त