- डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन करने का रैमकी कंपनी से हुआ था अनुबंध

देहरादून, शहर में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए पिछले वर्ष रैमकी कंपनी और नगर निगम के बीच हुआ एग्रीमेंट आज तक फाइनल नहीं हो पाया है। इसकी वजह है कि 100 से अधिक पन्नों के कॉन्ट्रेक्ट एग्रीमेंट को नगर आयुक्त अब तक नहीं पढ़ पाए हैं। जबकि पिछली नगर आयुक्त रवनीत चीमा के ट्रांसफर के बाद विजय कुमार जोगदंडे ने अक्टूबर 2017 में कार्यभार संभाला था। कंपनी का कहना है कि जब भी करार को लेकर कहा जाता है, तो ए्ग्रीमेंट के कुछ पन्ने पढ़ने बाकी हैं, ये जवाब दिया जाता है।

कंपनी को मिलनी है जिम्मेदारी

जानकारी के मुताबिक डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का करार फाइनल होने के बाद कूड़ा कलेक्शन की जिम्मेदारी रैमकी कंपनी को मिलनी है। करार के मुताबिक निगम के सभी कूड़ा वाहन कंपनी के सुपुर्द किए जाने हैं, जिनके मेंटिनेंस का खर्चा भी कंपनी को वहन करना है। इसके अलावा कंपनी की ओर से भी कूड़ा वाहनों की खरीद की जानी है और सफाईकर्मियों की नियुक्ति भी करनी है।

कूड़े की कीमत 1200 रुपए प्रति टन

रैमकी कंपनी के मुताबिक नगर निगम के साथ यह भी करार किया जाना था कि कंपनी द्वारा 1200 रुपए प्रति टन के हिसाब से कूड़ा खरीदा जाएगा। लेकिन, करार फाइनल नहीं हो पाया और अब स्थितियां बदल गई हैं। कंपनी सूत्रों का कहना है कि अब डीजल के दाम बढ़ने के कारण इस बिंदु पर कंपनी को घाटा हो सकता है।

शहर में 1.20 लाख घर

नगर निगम द्वारा किए गए सर्वे के मुताबिक शहर में 1 लाख 20 हजार घर हैं। जाहिर है इतने घरों से कूड़ा कलेक्शन के लिए ज्यादा संसाधन चाहिए। इसे देखते हुए डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का काम निजी कंपनी को दिए जाने का निर्णय लिया गया था। इसे लेकर रैमकी कंपनी के साथ करारनामा तय किया गया था, लेकिन इसे अभी तक फाइनल नहीं किया जा सका है।

शहर में रोजाना 350 एमटी कूड़ा

नगर निगम के मुताबिक शहर में रोज 350 मीट्रिक टन कूड़ा कलेक्ट किया जाता है। यह कूड़ा शीशमबाड़ा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट तक भिजवाया जाता है, जहां इसकी रिसाइक्लिंग होती है और खाद तैयार की जाती है।

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डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन में देरी की वजह निगम के साथ हुआ एग्रीमेंट फाइनल न हो पाना है। बताया जा रहा है कि अभी तक अफसरों ने एग्रीमेंट की डिटेल नहीं पढ़ी है। ऐसे में कूड़ा कलेक्शन का काम कंपनी नहीं कर पा रही है।

मोहित द्विवेदी, इंचार्ज , रैमकी