ससुरालियों का गुरुर और बात-बात पर ताना बन रही तलवार

छोटी-छोटी को लेकर बिखरने के कगार पर हैं जिले के दर्जनों परिवार

छोटी-छोटी बात पर जिले के कई परिवार बिखरने के कगार पर हैं। दंपति एक दूसरे को देखना तक पसंद नहीं कर रहे। पति व पत्‍‌नी के बीच इस जंग में तमाम बच्चों का भविष्य गर्क हो रहा है। दीवार के अंदर से शुरू हुए इस तरह के विवाद की गूंज चौकी व थानों तक पहुंच रही है। हर माह इस तरह के 70 से अधिक मामले परिवार परामर्श केंद्र पहुंच रहे हैं। इनमें से सुलह समझौते के आधार पर 15 से 16 परिवार ही एक दूसरे संग जीवन गुजारने को तैयार हो रहे। बाकी के केस अधिकारियों की भी हर्गिज सुनने को राजी नही हैं।

विवाद की असली जड़ी

परिवार परामर्स केंद्र के जिम्मेदारों की इस तरह के विवाद में पति पत्‍‌नी के बीच मिस अंडरस्टैंडिंग बड़ी वजह है।

ज्यादातर मामलों में दंपतियों के बीच फसाद की जड़ मोबाइल, ससुराल में सास, ननद व ससुर सहित अन्य के द्वारा दिए जा रहे ताना भी है।

देखा यह जाता है कि लड़की ससुराल की हर बात मोबाइल से मायके शेयर करती रहती है।

उसके द्वारा बताई गई बात की वजह से उसके ससुराल व मायके वालों में रंजिश पैदा हो जाती है।

दो परिवार के बीच की रंजिश पति पत्‍‌नी के बीच में दरार पैदा कर देती है। ऐसे भी मामले यहां पहुंचे हैं जिसमें लड़की बेरोजगार पति के साथ नहीं रहना चाहती।

कुछ केस में शादी के बाद भी लड़की या लड़के द्वारा प्रेमी अथवा प्रेमिका से संबंध वजह पाई गई है।

इस तरह के पांच से छह केस ऐसे भी होते हैं जिनमें लड़के पक्ष के लोग लड़की से व लड़की पक्ष के लोग लड़के से मिलने पर पाबंदी लगा देते हैं।

इस तरह बन सकती है बात

लड़के के ससुराल वाले बात-बात पर ताना न मानें, उसे अच्छी तरह तरह से समझें

परिवार की नीति और नीति व आर्थिक दशा बताते हुए उसे जिम्मेदारी का पूरी तरह से अहसास कराएं

उसकी छोटी-छोटी तकलीफों को महसूस करें और हल करने की कोशिश करें

लड़की व लड़के के बीच मनमुटाव समझ में आए तो परिवार के बड़े बुजुर्गो आगे आ कर समझाएं व दबाव बनाएं

बात बढ़े तो नाते रिश्तेदारों की मदद लेकर सामाजिक दबाव डालें और, लड़की व लड़कों को भी एक दूसरे की बातों को अच्छी तरह समझें

अक्सर देखा जाता है कि इस तरह के मामलों में छोटी-छोटी बातें विवाद की वजह होती हैं। नए उम्र के लड़के व लड़कियों के बीच शुरू विवाद को शांत कराने के बजाय परिवार के लोग इगो पाल बैठते हैं। परिणाम बिखराव की स्थिति बन जाती है।

विद्या देवी,

प्रभारी परिवार परामर्श केंद्र

70

परिवार इस तरह के मामले हर माह पहुंच रहे हैं परिवार परामर्श केंद्र

16

परिवारों को सुलह समझौते के आधार पर बिखरने से बचा रहा परामर्श केंद्र

55

परिवारों के इस मामलों में की जाती है विधिक कार्रवाई, कोर्ट जक पहुंचते हैं मामले