क्षेत्रीय भाषा बनी अनिवार्य
एक रिपोर्ट के मुताबिक, मोबाइल फोन पर अंग्रेजी के अलावा हिन्दी तथा कम से कम एक क्षेत्रीय भाषा को सपोर्ट करना अनिवार्य कर दिया गया है। यानी कि आपके क्षेत्र की जो लोकल भाषा है वही भाषा फोन में भी मिलेगी। दूरसंचार विभाग अगले तीन-चार महीनें में इस तरह का नियमन लेकर आ रहा है। जिसके तहत मोबाइल फोन को हिन्दी तथा एक क्षेत्रीय भाषा के अनुकूल बनाना अनिवार्य होगा।

यूजर्स को मिले बेहतर सर्विस

इस कदम का मकसद यूजर्स को स्थानीय भाषा में संपर्क की सुविधा प्रदान करना है। इसके साथ ही लोगों को सरकारी सेवाएं जैसे कि ई-पेमेंट की सुविधा मोबाइल फोन पर उपलब्ध कराना है। दूरसंचार विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि तीन महीने बाद ऐसा नियमन आएगा जिसमें देश में बिकने वाले प्रत्येक मोबाइल फोन पर अनिवार्य रूप से अंग्रेजी, हिन्दी तथा एक क्षेत्रीय भाषा की सुविधा होगी।
 
ग्रामीण इलाकों तक पहुंच
अधिकारी ने यह भी बताया कि पीएम मोदी के डिजिटल इंडिया को सफल बनाने के लिए इस सर्विस को शुरु करना जरूरी है। ब्रॉडबैंड सिर्फ अंग्रेजी बोलने वाले माध्यम और उच्च वर्ग के भारतीयों तक ही सीमित न रहे इसलिए लोकल लैग्वेंज का होना जरूरी है जिससे कि ग्रामीण इलाकों तक पहुंच बढ़ेगी। फिलहाल, देश में कई ऐसे मोबाइल फोन उपलब्ध हैं जो क्षेत्रीय भाषा को सपोर्ट करते हैं। सरकार आईटी प्रशिक्षण तथा डिजिटल साक्षरता के लिए ‘डिजिटल साक्षरता अभियान’दिशा कार्यक्रम भी चला रही है।

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