RANCHI: रांची में मेडिकल ड्रग रजिस्टेंट (एमडीआर) टीबी के मरीजों की संख्या पिछले साल की तुलना में दोगुनी हो गई है। पिछले साल जहां बीच में दवा छोड़ने वाले मरीज ख्भ्8 थे, जो एक साल में बढ़कर दोगुने के करीब भ्0ख् तक पहुंच गए हैं। हालांकि, अच्छी बात यह है कि लोगों में जागरूकता आई है और उसी का नतीजा है कि एमडीआर के मरीज सामने आ रहे हैं। नहीं तो एमडीआर के मरीज जानकारी के अभाव में इलाज नहीं कराते थे। इस वजह से कई मरीजों की मौत भी हो जाती थी। ये बातें व‌र्ल्ड टीबी डे के मौके पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में रांची के सिविल सर्जन डॉ। एसएस हरिजन ने कहीं। उन्होंने कहा कि हमारे सेंटर्स पर टीबी के मरीज की जांच से लेकर इलाज तक फ्री है।

सस्पेक्टेड जोन में चलेगा अभियान

व‌र्ल्ड टीबी डे के मौके पर लोगों को जागरूक करने के लिए राजधानी के पांच घनी आबादी वाले इलाकों में अभियान चलाया जाएगा। इसमें पत्थलकुदवा, हिंदपीढ़ी, हातमा, इस्लामनगर, मधुकम इलाके शामिल हैं। लोगों की जांच भी की जाएगी। गुरुवार को रांची नगर निगम के बकरी बाजार स्थित यार्ड में ख्00 लोगों का टेस्ट किया गया।

बीच में दवा छोड़ना खतरनाक

डीटीओ डॉ। भीबी प्रसाद ने बताया कि टीबी के मरीजों की पहचान कर उन्हें दवा खिलाई जा रही है। लेकिन कई ऐसे मरीज हैं, जो इलाज के बीच में ही दवा छोड़ देते हैं। ऐसे में उनकी बीमारी एमडीआर टीबी का रूप ले लेती है। ऐसे ही मरीजों की जांच के लिए इटकी सैनिटोरियम में मॉडर्न लैब भी बनाया गया है।

एक्सरे व सीबी नैट टेस्ट फ्री

डीटीओ ने बताया कि टीबी सेंटर्स पर सस्पेक्टेड मरीजों के लिए स्पूटम टेस्ट की सुविधा उपलब्ध है। साथ ही अब किसी भी सस्पेक्टेड मरीज का एक्सरे भी फ्री में कराया जाएगा। इसके अलावा सीबी नैट टेस्ट की सुविधा भी मरीजों को दी जा रही है। इससे दो घंटे में पता लगाया जा सकता है कि मरीज को टीबी है या नहीं।

हर भ्वें मिनट में दो की मौत

टीबी की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि हर भ् मिनट में दो लोगों की टीबी से मौत हो जाती है। ऐसे में देश में टीबी से हर दिन मरने वालों की संख्या म्00 है। साथ ही रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि एक्सीडेंट के बाद अगर सबसे ज्यादा मौत होती है, तो वह टीबी से।

एमडीआर टीबी मरीज एक नजर में

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लाभुक को दी जाती है राशि

-मरीज को अपनी देखरेख में म् महीने दवा खिलाने वाला डॉट प्रोवाइडर कैट क् : क्000 रुपए

-मरीज को अपनी देखरेख में 9 महीने दवा खिलाने वाला डॉट प्रोवाइडर कैट ख् : क्भ्00 रुपए

-ठीक हो जाने पर टीबी के मरीज को राशि : 7भ्0 रुपए

-मरीज को अपनी देखरेख में दवा खिलाने वाला डॉट प्रोवाइडर कैट क् : क्000 रुपए

-एमडीआर डॉट्स प्रोवाइडर को ख्ब्-ख्7 महीने दवा खिलाने के लिए आइपी : ख्000 रुपए

-एमडीआर डॉट्स प्रोवाइडर को ख्ब्-ख्7 महीने दवा खिलाने के लिए सीपी : फ्000 रुपए

-एमडीआर मरीज को इंजेक्शन देने पर : ख्भ् रुपए

-एचआइवी से ग्रसित टीबी मरीज को आने-जाने के लिए पहली बार : भ्00 रुपए

-एमडीआर टीबी के मरीज और उसके साथ आने वाले को : ब्00 रुपए

-प्रति सैंपल कलेक्ट करने पर : ख्भ् रुपए