RANCHI: बरियातू थाना क्षेत्र में किंगलैंड स्कूल की प्रिंसिपल, वकील व बीजेपी महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष आरती देवी व उनके दत्तक पुत्र रीतेश उर्फ रित्विक की सिर्फ हत्या ही नहीं हुई थी, बल्कि अपराधी अलमीरा में रखे 25 लाख सोने के जेवरात, जमीन के दस्तावेज समेत कैश भी लेते गए थे। यह खुलासा पटना से आए मृतका के भाई राजू उर्फ राजकुमार ने पुलिस के समक्ष किया है। उसने पुलिस को बताया कि दीदी जेवरात की शौकीन थी। मामले में पुलिस ने आशंका जताई है कि डबल मर्डर को लूटपाट साबित करते हुए अपराधियों की मंशा जांच को प्रभावित करने की रही होगी। गौरतलब हो कि 13 जुलाई की सुबह कमरे से आरती देवी और उनके 10 वर्षीय पुत्र रीतेश की बॉडी बरामद हुई थी। इसकी सूचना एक जुलाई से काम पकड़नेवाली दाई रूखसाना खातून ने शोर मचाकर लोगों को दी थी।

गला दबाकर आरती की हुई थी हत्या

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, आरती की गला दबाकर हत्या की गई थी। उनके गले पर अंगुली के निशान आदि मिले हैं। वहीं, रीतेश की हत्या आरती की साड़ी से गले में फांस कर नट डाल कर की गई दी थी। आशंका है कि हत्याकांड को अंजाम देने में तीन से चार अपराधी थे, जो कमरे में लगभग चार घंटे तक रहे और कांड को अंजाम देकर आराम से चलते बने।

रोसड़ा में 6 कट्ठा जमीन का था विवाद

बताया जाता है कि समस्तीपुर के रोसड़ा में छह कट्ठा ही जमीन थी, जिसपर उनके चचेरे देवरों से झंझट चल रहा था। चचेरे देवर के बेटे संजू शर्मा ने आरती कुमारी को जान से मारने की धमकी भी दी थी। उक्त प्रॉपर्टी की कीमत 60 से 65 लाख बताई गई है।

रीतेश भाई का बेटा नहीं, बल्कि रिम्स की नर्स ने दिया था बच्चा

आरती कुमारी ने जिस बच्चे को गोद लिया था। वह उसके भाई राजू उर्फ राजकुमार का नहीं था। बल्कि रिम्स में पोस्टेड हेड नर्स अन्नपूर्णा ने उन्हें यह बच्चा दिलाया था। कहा जा रहा है कि बच्चा किसी कुंवारी मां का था।

पुलिस ने खोला दरवाजा तो पैक हो गए सभी मित्र व परिजन

आरती कुमारी की मौत के बाद जब शव का पोस्टमार्टम करा कर आंगन में लाया गया तो उनके कई मित्र, परिजन पहुंचे थे। लेकिन, किसी ने उनके शव को हाथ भी नहीं लगाया। पुलिस ने दरवाजा खोला तो सभी घर के अंदर पैक हो गए। बाद में मोहल्ले के लोगों ने अर्थी सजाई और हरमू मुक्तिधाम पहुंचाया।

आरती ने किस मेहमान का फोन पर भाई से जिक्र किया था

अब सवाल यह उठता है कि वे मेहमान कौन थे? जिनका जिक्र आरती कुमारी ने अपने भाई राजू उर्फ राजकुमार से किया था। राजू ने बताया था कि शाम 7.30 बजे के करीब दीदी कमरे से बाहर आई थी और मेहमान की जानकारी दी थी।

मुस्लिम महिलाओं की करती थी मदद

आरती मुस्लिम महिलाओं की मदद करती थी। ये महिलाएं अक्सर उनके घर आती थीं तो उन्हें आर्थिक मदद देती थी। बताया गया कि एक समय में उनके स्कूल में लगभग 800 बच्चे पढ़ते थे। लेकिन, पड़ोस में स्कूल खुल जाने से उनके यहां मात्र 100-150 बच्चे ही बच गए थे।

कुच्चू की जमीन देखने गई थी पुलिस

आरती कुमारी की हत्या जमीन विवाद में होने की आशंका जताई गई है। इस बाबत बरियातू थाना पुलिस ओरमांझी के कुच्चू स्थित उनकी जमीन देखने गई थी। बताया जाता है कि उक्त जमीन की खरीद-बिक्री एक दलाल कर रहा था। बाद में उक्त जमीन को आरती कुमारी ने जमीन मालिक को बेचने के लिए दिया था।