बच्चों को कमरे में बंद कर बदमाशों ने दिया घटना को अंजाम

पिता की तहरीर पर पुलिस ने छह के खिलाफ दर्ज किया हत्या का मामला

ALLAHABAD: साहब उनको तो पैसा और सोना चांदी चाहिए था। हमारे माता-पिता घर के बाहर भी थे। फिर उन्हें क्यों मारा? क्यों हमें अनाथ बनाकर चले गए? हमारा गुजारा अब कैसे होगा? कौन हमें दुलारेगा? कौन हमारी पढ़ाई-लिखाई और शादी-ब्याह देखेगा? गंगापार के तिवारीपुर गांव में डबल मर्डर की सूचना मिलने पर पहुंचे पुलिस ऑफिसर्स से मृतक के मासूम बच्चों ने सवाल पूछा तो वे खुद सन्नाटे में आ गए कि जवाब क्या दें। शुक्रवार की रात बदमाशों ने इन चार बच्चों के माता-पिता को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया था। बच्चों को कमरे में बंद करके अंजाम दी गई घटना की जानकारी गांव के लोगों को भी सुबह मिली जब बच्चों की चीख-पुकार सुनकर उनका ध्यान उधर गया।

तीनों भाई रहते हैं अलग

सोरांव थाना क्षेत्र के तिवारीपुर गांव के रहने वाले लाल तिवारी के तीन बेटे विजय तिवारी, श्री कृष्ण व राम आधार हैं। तीनों का परिवार अलग-अलग रहता है। शुक्रवार को घर में खाना खाने के बाद विजय तिवारी अपनी पत्‍‌नी पार्वती के साथ बरामदे में ही सो रहे थे। बच्चे कमरे के भीतर थे। मध्य रात्रि के बाद चहारदीवारी फांद कर अंदर घुसे बदमाशों ने पहले बच्चों का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया। इसके बाद विजय व उसकी पत्‍‌नी पार्वती तिवारी की धारदार हथियार से मारकर हत्या करने के बाद भाग निकले। घटना की जानकारी गांव वालों को उस वक्त हुई जब कमरे में सो रहे चारों बच्चों की नींद खुली और दरवाजा बाहर से बंद होने के चलते उन्होंने शोर मचाना शुरू कर दिया। आस-पास के लोग शोर सुनकर पहुंचे और दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया। अंदर से कोई रिस्पांस नहीं मिला और बच्चे चिल्लाते रहे तो कुछ लोग दीवार पर चढ़ गए। भीतर का सीन देखकर वे अवाक रह गए। इसके बाद गांव के अन्य लोग भीतर घुसे और मेन गेट के साथ बच्चों के कमरे का दरवाजा खोला और पुलिस को इसकी सूचना दी।

कौन बनेगा इन मासूमों का सहारा

विजय तिवारी रोजमर्रा के खर्चे जुटाने के लिए फाफामऊ के एक स्कूल में बस चलाता था। दो साल पहले उसने वहां से नौकरी छोड़ दिया था और गांव के ही रहने वाले एक व्यक्ति के यहां चार पहिया चलाने का काम करता था। उसके चार बच्चे हैं। बड़ा बेटा विशाल 14 और बड़ी बेटी नीतू 12 साल की है। तीसरे नंबर की नीशू नौ और सबसे बेटी प्रियंका 6 साल की है। मां बाप की हत्या के बाद ये अनाथ हो गए हैं। चाचा से उनका कोई वास्ता नहीं है। दादा से भी बनती नहीं थी। ऐसी स्थित में इन मासूमों की देख भाल और परवरिश कौन करेगा? यह बड़ा सवाल बन गया है। ग्रामीणों के मुताबिक विजय के पिता लाल तिवारी प्रतापगढ़ में अपनी बेटी सुशीला के यहां पिछले एक साल से अधिक समय से रह रहे हैं। दोनों भाईयों का परिवार से कोई लेना देना नहीं है। गांव वालों ने बताया कि दोनों की संगत कुछ गलत लोगों के साथ है। इसकी वजह से दोनों को परिवार के लोग पंसद नहीं करते थे।

चल रहा था जमीनी विवाद

बताया जाता है कि लाल तिवारी के परिवार का विवाद पट्टीदार चन्द्रमा तिवारी के परिवार से जमीन को लेकर चल रहा था। पड़ोस के रहने वाले संजय तिवारी ने बताया कि कुछ साल पहले चन्द्रमा तिवारी ने विजय के घर में घुसकर तोड़-फोड़ की थी। उस समय से चल रही टशन के बीच दोनों पक्षों में कई बार कहासुनी भी हुई थी। फिलहाल चन्द्रमा और उसका परिवार सैदाबाद में रहता है। परिवार के पालन पोषण में आ रही दिक्कत को को देखते हुए प्रधान ने कुछ साल पहले विजय को करीब पांच बिस्वा जमीन पट्टे पर दी थी।

पिता ने दर्ज कराया मुकदमा

इस घटना के बाद पुलिस ने पिता लाल तिवारी को बेटे और बहु की मौत की सूचना दी। सूचना मिलते ही पिता मौके पर पहुंचे गए। पुलिस ने पिता से घटना को लेकर पूछताछ की। पिता ने पुलिस को तीन बिस्वा जमीन को लेकर चाचा भतीजे के बीच जमीन के विवाद के बारे में बताया। पिता ने गांव के ही छह लोगों के खिलाफ नामजद तहरीर सोरांव थाने में दी है। इसमें चन्द्रमा तिवारी, बबलू, अमीने, पप्पू, धन्नू, मन्नू का नाम शामिल है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज करके छानबीन शुरू कर दी है। आरोप गांव छोड़कर चले गए हैं।

घर का सामान मिला अस्त-व्यस्त

हत्या की इस घटना के बाद बदमाशों ने घर के सारा सामान अस्त व्यस्त कर दिया था। इससे पुलिस इस हत्या को लूट के इरादे से भी देख रही है। हालांकि, पुलिस इस बात का भी पता कर रही है कि क्या विजय के घर में ज्वैलरी के आइटम थे? यदि नहीं तो घर के सामानों को अस्त-व्यस्त किसने और क्यों किया? क्या वे जानबूझकर घटना को डायवर्ट करना चाहते थे। इसे भी जांच में शामिल किया गया है। वैसे पिता की तरफ से पुलिस को दी गई तहरीर में लूट को कोई जिक्र नहीं किया गया है। मौके पर मौजूद रिश्तेदार सीमा मिश्रा की माने तो विजय ने बेटी के विवाह के लिए लाख रुपए तक के कुछ गहने बनवा रखे थे। यह जानकारी पार्वती ने उन्हें दी थी। पुलिस को मौके से खून से सना एक नुकीला लोहे का राड मिला है। आशंका जताई जा रही है कि इसी का प्रयोग हत्या में किया गया। घटना के बाद मौके पर एसएसपी, एसपी गंगापार, सीओ के साथ कई थानों की फोर्स डॉग स्क्वॉय और फोरेंसिक एक्सपर्ट भी पहुंचे थे।

चोरों का आतंक

ग्रामीणों की मानें तो इन दिनों गांव में चोरों को आतंक है। आए दिन चोर किसी ने किसी घर को टारगेट बनाते हैं। स्थानीय पुलिस कुछ नहीं कर रही है। हाल ही में चोरों ने राजन तिवारी के घर चोरी की बड़ी वारदात को अंजाम दिया था। ऐसे कई मामले स्थानीय लोगों ने पुलिस को बताए।

बढ़ रही गंगापार में दोहरी हत्या

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