घर के भीतर ही दोनो का रेत दिया गया गया, दूसरे दिन घटना का पता चला

हत्या के पीछे जमीन का विवाद होने की आशंका, पुलिस ने कई को उठाया

ALLAHABAD: करेली के नया पुरवा इलाके में घर के भीतर ही बाप-बेटी का गला रेत दिया गया। हत्यारों ने अपना काम इतनी सफाई से किया कि दोनो की लाशें 24 घंटे से अधिक समय तक पड़ी रहीं और किसी को भनक तक नहीं लगी। शनिवार को दामाद घर पहुंचा तो घटना का खुलासा हुआ। यह जानकारी होने के बाद पुलिस भी सन्नाटे में आ गई। आनन-फानन में अफसरों के साथ फोरेंसिक टीम स्पॉट पर पहुंच गई। छानबीन शुरू हो गई। हत्या के कारण के रूप में जमीन पर हिस्सेदारी को लेकर चल रहे विवाद के अलावा कुछ देर रात तक सामने नहीं आया था। पुलिस ने दोनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस ने घटना की तह तक पहुंचने के लिए कई को पूछताछ के लिए उठाया है। इसके बाद भी समाचार लिखे जाने के समय तक उसके कोई कामयाबी हाथ नहीं लगी थी।

दामाद पहुंचा तो खुला मामला

करैली थाना क्षेत्र के नया पुरवा मोहल्ले के रहने वाले माधव प्रसाद वेंडर थे। उनके तीन बेटियां सुलोचना, वंदना और अर्चना ही है। सुलोचना और वंदना अपने पति के साथ रहती हैं जबकि अर्चना शादी होने के बाद भी पिता के साथ रहती थी। शनिवार की सुबह अर्चना का दूसरा पति विश्वजीत अपने ससुराल आया था। उसे बाहर ताला लटकता हुआ मिला तो पत्‍‌नी को फोन किया। विश्वजीत के अनुसार कई बार पूरी-पूरी रिंग बज गई और फोन रिसीव नहीं हुआ। इस पर उसे शक हुआ और वह बाउंड्ररवॉल फांदकर भीतर चला गया। उसका कहना है कि घर के पास पहुंचते ही अर्चना की लाश आंगन और माधव की लाश कमरे में पड़ी देख वह चीख पड़ा। उसकी आवाज सुनते ही पड़ोसी भी जुट गए। खबर जंगल में लगी आग की तरह फैली और देखते ही देखते सैकड़ों लोग जुट गए। विश्वजीत ने पुलिस को डबल मर्डर की सूचना दी। इसके बाद एसपी सिटी विपिन टाडा समेत कई थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। कुछ ही देर में क्राइम ब्रांच की टीम व फील्ड यूनिट मौके पर जांच के लिए पहुंच गई।

पड़ोसियों को भनक कैसे नहीं

चौंकाने वाला तथ्य यह है कि माधच और उनके सगे भाई अगल-बगल रहते हैं। इसके अलावा पूरे इलाके में घनी आबादी है। माधव का मकान ऐसा नहीं है जिसमें बहुत कुछ छिपा हुआ रहे। इसके बाद भी किसी को घटना के बारे में पता नहीं चला? यह पुलिस को खटक रहा है। सही है कि माधव के पड़ोसियों और भाई से रिश्ते ठीक नहीं थे क्योंकि पड़ोस में रहने वाले भाई को वांछित हिस्सा नहीं मिला था और इस पर उसकी दावेदारी भी कमजोर थी। लेकिन, बगल में दो लोगों की हत्या हो जाए और वह खामोश रहे? यह पुलिस को समझ में नहीं आया। इसी के चलते शक के आधार पर पुलिस ने माधव के भाई-भतीजों को भी पूछताछ के लिए उठाया है।

अकेला नहीं था हत्यारा

स्पॉट विजिट करने के बाद पुलिस का मानना था कि हत्या किसी एक ने अकेले नहीं की है। इसके पीछे कारण है कि मारना दोनों को पहले से ही तय करके हत्यारे आए थे। एक को मारने पर चीख भी निकलती तो दूसरे को इसकी भनक लग जाती और वह शोर मचा देता। इस स्थिति में उनके पकड़े जाने का खतरा था। इसके अलावा हत्यारे घर और आसपास के एरिया से पूरी तरह से वाकिब थे। इसी के चलते वह आए और हत्या करके चले गए। इससे शक की सुई किसी करीबी की तरफ ही घूमती है।

हत्यारों ने लगाया नया ताला

हत्यारों ने घटना को अंजाम देने के बाद घर के बाहर कुंडी में नया ताला जड़ दिया था। इस घर में लूटपाट के लिए कुछ था ही नहीं। इससे स्पष्ट है कि मर्डर के पीछे चोरी या लूट नहीं है। अब बचता है जमीन का मामला। इस पर भाई और पड़ोसियों के साथ कई अन्य की नजर टिकी थी। जमीन की कीमत पचास लाख के ऊपर बताई जा रही है। इससे पुलिस ने इसी पहलू पर फोकस कर दिया है।

बाक्स

वसीयत में मिली है जमीन

जमीन का जो टुकड़ा माधव प्रसाद और उसकी बेटी की हत्या का कारण बना वह उनका पुश्तैनी नहीं है। बताया जाता है कि माधव के पिता को यह प्रापर्टी एक महिला ने वसीयत करके दी थी। इस पर तीनो भाई रहते थे। दूसरे नंबर के भाई की मौत हो जाने के बाद उसकी पत्‍‌नी ने कोई संतान न होने पर अपने हिस्से के जमीन की वसीयत माधव के नाम कर दी थी। रामस्वरूप इस फैसले से खुश नहीं था। वह माधव के हिस्से में अपने मवेशी बांधा करता था। इस जमीन से जुड़ी एक और कहानी जो सामने आई उसके मुताबिक जिस महिला ने जमीन की वसीयत माधव के परिवार के नाम की थी उसके बच्चों के साथ मिलकर पड़ोसियों ने जमीन को बेच दिया। इसका विवाद कोर्ट तक पहुंच गया था। इसमें सफलता माधव के हाथ ही लगी थी। हालांकि इसकी ऑफिशियल पुष्टि नहीं हो सकी।

बाक्स

तीनो बहनों की दो-दो शादियां

माधव प्रसाद के परिवार से जुड़ी एक और इंट्रेस्टिंग स्टोरी यह है कि उसकी तीनों बेटियों सुलोचना, वंदना और अर्चना की दो-दो शादियां हुई हैं। दो शादियां करने के बाद भी अर्चना अपने पिता के साथ ही रहती थी। उसका दूसरा पति विश्वजीत उसके साथ क्यों नहीं रहता था? यह सवाल भी बड़ा है। विश्वजीत अपने ससुराल आता-जाता था। शनिवार को उसके पहुंचने के बाद ही मामले का पता भी चला। अर्चना की दोनो बहने साथ नहीं रहतीं लेकिन उसकी गृहस्थी भी उलझी हुई है।

बाक्स

तेज तर्रार थी अर्चना

माधव प्रसाद के साथ ही अर्चना को जानने वाले बताते हैं कि वह बेहद तेज तर्रार थी। पिता वेंडर थे और उनके अस्वस्थ होने की स्थिति में वह पिता का काम भी देखती थी। कोई उसकी आवाज को आसानी से दबा नहीं सकता था। कहते हैं कि कोई अकेला उसे आसानी से मार भी नहीं सकता। इसी से आशंका जताई जा रही है कि घटना को अंजाम देने वालों की संख्या दो से ज्यादा रही होगी। हत्यारे अर्चना का मोबाइल उसके शरीर पर ही छोड़ गए थे। अर्चना की पहली शादी कौशांबी के रहने वाले राजू के साथ हुई थी। रिश्ता ज्यादा नहीं चला। इसके बाद उसने विश्वजीत से प्रेम विवाह किया था। अर्चना की दो सहेलियां जो अक्सर उसके घर आती-जाती थीं से भी पुलिस ने पूछताछ की।