RANCHI: शहर में डबल मर्डर को अंजाम देनेवाला क्रिमिनल अनमोल वर्मा उर्फ कांटी पुलिस को शक न हो इसलिए हर रविवार को सुखदेवनगर थाना पहुंच कर हाजिरी भी लगाता रहा। हत्या करने के बाद रविवार को भी दोपहर में हाजिरी बनाने थाना पहुंचा था, तब पुलिस युवक अनुराग विश्वकर्मा उर्फ सोनू हत्याकांड के आरोपियों की तलाश में संभावित स्थानों पर छापेमारी कर रही थी। वह थाना पहुंचा और सीधे सीरिस्ता चला गया। वहां डॉली नामक साक्षर महिला पुलिस से मिला। उनसे कलम मांगकर वीकली रजिस्टर में हस्ताक्षर किया, फिर चलते बना। इधर, सुखदेवनगर थाना पुलिस उसकी तलाश में कभी पंडरा तो कभी सरोवर नगर में छापेमारी कर रही थी। पुलिस को सूचना मिली थी कि वह पंडरा में एक मस्जिद के पास स्थित अपने एक दोस्त के घर में छिपकर रह रहा है। जब पुलिस वहां पहुंची तो वहां से भी निकल गया था। दोपहर में पुलिस को सूचना मिली कि अनमोल उर्फ कांटी अपने धोबी मुहल्ला स्थित घर के पीछे आया है। पुलिस की टीम जब वहां पहुंची तो वह पुलिस को देखकर भागने लगा। पुलिस उसके पीछे दौड़ी तो वह उसे छकाने लगा। इसी दौरान पुलिस का धोबी मुहल्ला के बच्चे, बूढे़ और उसके परिजनों द्वारा सहयोग किया गया और पुलिस ने अपराधी कांटी को दबोच लिया।

दोस्त को किसी ने मार दिया, दुखी हूं

जब वह रविवार को महिला पुलिसकर्मी से थाना में मिला तो काफी रोने-धोने लगा। कहा कि उसके दोस्त की हत्या किसी अपराधी ने कर दी है। वह अपने दोस्त की हत्या के बाद विचलित हो गया है। जबकि सच्चाई यह थी कि वह सिर्फ एक्टिंग कर रहा था। उससे मिलने के लिए आई उसकी मां और बहन को भी चेहरा ढक कर आना पड़ा था।

ट्रक चालक से छिनतई में गया था जेल

छह माह पूर्व पहाड़ी मंदिर स्थित स्टैंड के समीप से एक ट्रक चालक के साथ छिनतई के आरोप में पुलिस ने अनमोल उर्फ कांटी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जेल भेजे जाने के बाद वह कई बार छूट कर आया और चोरी, चमारी के धंधे से जुड़ गया था। इसके बाद उसे लड़कीबाजी का शौक लगा।

चाचा भी था दुर्दात अपराधी

अनमोल वर्मा उर्फ कांटी को अपराध विरासत में मिली है। उसका चाचा गोनू वर्मा भी 1990 में एक दुर्दांत अपराधी था। उसने भी दो लोगों की हत्या मुंडी काटकर की थी। वह शराब पीने जब भी होटल जाता और मालिक पैसे की डिमांड करता तो पॉलीथीन में लाए आदमी के मुड़ी को आगे कर देता था। कहता था कि उसके पास पैसे नहीं है। मुड़ी लेना है तो ले लो?