क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ:अरगोड़ा थाना क्षेत्र के अशोकनगर रोड नंबर-1 स्थित एक निजी न्यूज चैनल के ऑफिस में दो कारोबारी अग्रवाल बंधुओं की गोली मारकर हत्या मामले में पुलिस ने आरोपी लोकेश चौधरी के दो बैंक खातों को सीज कर दिया है. जानकारी के अनुसार, दोनों ही खातों में लाखों रुपए बैलेंस हैं. मर्डर के बाद भी बड़े ट्रांजेक्शन हुए हैं. इसे देखते हुए पुलिस ने बैंक खातों को फ्रीज करवा दिया, ताकि उसपर पुलिस की दबिश बन सके. इसके अलावा पुलिस ने लोकेश की संपत्ति जब्त करने की तैयारी भी शुरू कर दी है. कई संपत्तियों को सील भी किया जाएगा. इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. गौरतलब हो कि छह मार्च की शाम व्यवसायी हेमंत अग्रवाल व उनके सगे भाई महेंद्र अग्रवाल को मौत के घाट उतार दिया गया था.

राजदार हैं बॉडीगा‌र्ड्स, अरेस्टिंग की तैयारी

इधर पुलिस की दो टीमें अलग से लोकेश चौधरी और उसके दो अंगरक्षकों को पकड़ने के लिए बिहार और रामगढ़ रवाना हुई है. दोनों टीमों ने अंगरक्षकों की तलाश में कई जगहों पर छापेमारी की. पुलिस सूत्रों की मानें तो दोनों ही अंगरक्षक लोकेश चौधरी के राजदार हैं. घटना को अंजाम देने के बाद लोकेश 11:57 बजे जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के कचनार टोली स्थित वसुंधरा अपार्टमेंट पहुंचा था. वहां से पत्नी व बच्चों को लेकर सीधे बिहार के लिए रवाना हो गया. दो अंगरक्षकों को लेकर वह निकला था. उनमें एक अंगरक्षक बिहारशरीफ उतरा, जो रायफलधारी अंगरक्षक था. दूसरा पिस्टलधारी बॉडीगार्ड है, जो पटना के फतुहा के एक मंदिर के पास उतर गया था.

बड़े अधिकारी की पैरवी पर मिले थे बॉडीगा‌र्ड्स

जानकारीं के अनुसार, लोकेश को करीब आठ महीने पहले दो सरकारी अंगरक्षक मिले थे. दोनों अंगरक्षक पुलिस के एक बड़े अधिकारी की पैरवी पर दिए गए थे. हालांकि चार महीने पहले दोनों अंगरक्षक वापस ले लिए गए थे. इसके बाद निजी अंगरक्षक साथ रखा था. लेकिन इस चार महीने के भीतर आठ अंगरक्षक बदले थे. पुलिस इसका भी पता लगाने में जुटी है.

गिरफ्तार चालक से मिले अहम सुराग

डबल मर्डर का आरोपित लोकेश चौधरी का चालक शंकर फिलहाल पुलिस हिरासत में है. उसने पुलिस को कई अहम जानकारी दी है. उसके आधार पर पुलिस लोकेश को दबोचने की कोशिश में जुटी है. शंकर को पुलिस पटना से गिरफ्तार कर रांची लाई थी, जिससे लगातार पूछताछ हो रही है. शंकर ने बताया कि लोकेश चौधरी कई दिनों से अशोकनगर स्थित अपने कार्यालय नहीं जा रहा था. छह मार्च की शाम करीब साढ़े चार से पांच बजे के बीच कार्यालय पहुंचा था. कार्यालय के बाहर गाड़ी में ही बैठने को कहा और बोला था कि दो व्यक्तिहेमंत अग्रवाल व महेंद्र अग्रवाल आएंगे, उन्हें अंदर भेज देना है.

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ऑफिस का केयरटेकर व ड्राइवर पुलिस हिरासत में

कुछ ही देर में हेमंत व महेंद्र अग्रवाल स्कूटी से वहां पहुंचे थे. दोनों भीतर गए, दस मिनट के बाद ही दफ्तर में शोर होने लगा. तभी एक गोली चली. एक मिनट के भीतर ही दूसरी गोली चली व ताबड़तोड़ अन्य गोलियां चली थी. इसके बाद लोकेश गेट को लॉक करते हुए दोनों अंगरक्षक व एक सहयोगी के साथ तेजी से निकला. गाड़ी में बैठने के बाद चलने को कहा था. लोकेश के निकलने से संबंधित गतिविधि सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है. जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है. इधर, निजी न्यूज चैनल कार्यालय परिसर के केयर टेकर विशुनदेव शर्मा व उनके बेटे पुंदाग के एसबीआइ एटीएम का गार्ड राकेश को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है. पुलिस चालक शंकर, केयर टेकर और उसके बेटे का कोर्ट में 164 का बयान दर्ज कराएगी.