Case 1

किला की एक एमबीए छात्रा की बंगलुरु में रेडीमेड गारमेंटस के बिजनेसमैन से शादी हुई। शादी में लाखों की रकम खर्च की गई लेकिन शादी के कुछ दिनों बाद ही बिजनेसमैन ने उससे दहेज में 1 करोड़ की मांग की। दहेज न देने पर उसे प्रताडि़त कर घर से निकाल दिया गया। मामला एसएसपी के पास से महिला परामर्श केंद्र पहुंचा लेकिन बात नहीं बनी। आखिरकार बाद में महिला थाना में दहेज की एफआईआर दर्ज की गई।

Case 2

बारादरी की एक लड़की की शादी बुलंदशहर निवासी युवक से हुई। शादी के कुछ दिन बाद ही उसकी खुशियां उजड़ गईं। उसे दहेज के लिए प्रताडि़त किया जाने लगा। परिवार वालों ने इसमें समझौते का प्रयास किया। मामला पुलिस तक पहुंचा उसके बाद भी समझौते की बात चली लेकिन अंत में हांडा सिटी कार व 20 लाख रुपए दहेज के लिए उसे प्रताडि़त कर निकाल दिया गया। कुछ दिन पहले ही इस मामले में महिला थाना में एफआईआर दर्ज की गई। पहले सुलझाने का प्रयास

सिटी में शायद ही कोई ऐसा दिन होता है जब पुलिस के पास कोई महिला दहेज प्रताडऩा की शिकायत लेकर ना पहुंचती हो। एसएसपी ऑफिस में तो डेली दहेज के केसेज की संख्या ही ज्यादा होती है। पहले ऐसे मामलों को आपसी सहमति से सुलझाने का प्रयास किया जाता है। केस को महिला परामर्श केंद्र में ट्रांसफर किया जाता है। वहां पति-पत्नी व उनकी फैमिली मेंबर्स को बुलाकर परामर्श केंद्र में सुलह की कोशिश की जाती है। अगर फिर भी बात नहीं बनती तो एफआईआर

दर्ज कर दी जाती है।

तरह-तरह torture

इन केसेज की स्टडी में अधिकांश में नगदी, टू ह्वीलर या फोर ह्वीलर, ज्वैलरी, जमीन व अन्य सामान की डिमांड का आरोप होता है। इस डिमांड को पूरा करने के लिए अक्सर उनको मेंटली व फिजिकली टॉर्चर किया जाता है। कई बार टार्चर इस हद तक पहुंच जाता है कि महिला मानसिक संतुलन खो देती है।

Suicide and murder की नौबत

दहेज का दंश झेलने वाली महिला की जान तक पर बन आती है। दहेज न देने पर ससुराल वालों का टॉर्चर बंद नहीं होता है तो महिलाओं को आत्महत्या का कदम उठाना पड़ता है। कई बार तो महिलाओं को जलाकर मार दिया गया या फिर किसी को जहर दे दिया गया।  

Educated Family भी शामिल

दहेज प्रताडऩा के मामले सिर्फ रूरल एरिया में ही नहीं सामने आ रहे, बल्कि हाईप्रोफाइल फैमिली में भी अब ये आम हो गया है। कई ऐसे केसेज सामने आए हैं जिनमें पढ़ी-लिखी फैमिली ही शामिल रही हैं। किसी का पति इंजीनियर है तो किसी का नेवी ऑफिसर यहां तक कि बिजनेस फैमिली से भी इस तरह के मामले हो रहे हैं।

सिटी में ज्यादा केस रजिस्टर्ड

पुलिस के रिकॉर्ड बताते हैं कि दहेज के मामलों की संख्या रूरल एरिया के थानों से सिटी एरिया के थानों में कहीं अधिक है। इस साल के अभी तक के रिकॉर्ड के अनुसार सिटी में अब तक 146 केस रजिस्टर हो चुके हैं जबकि रूरल एरियाज में इनकी संख्या केवल 51 ही है। सबसे ज्यादा केस महिला थाने में दर्ज हुए हैं, जिनकी संख्या 70 है। महिला थाने में कुछ केस रूरल एरिया के भी रजिस्टर होते हैं। लास्ट ईयर टोटल 503 केस रजिस्टर किए गए थे, जिनमें से 294 केस सिटी

के थानों में रजिस्टर हुए थे। इनमें से 94 महिला थाने में हुए थे।

'दहेज केसेज में काफी इजाफा हुआ है। इसकी वजह मैरिड लाइफ में मामूली बातों पर दरार आना है। रिश्तों को सुधारने की बजाय लोग दहेज की एफआईआर दर्ज करा देते हैं। पुलिस को भी इससे काफी प्रॉब्लम होती है.'

आकाश कुलहरि, एसएसपी बरेली

'इसे भी एक तरह का भ्रष्टाचार कह सकते हैं। बिना कुछ किए सब कुछ आसानी से पाने के लिए लोग दहेज की डिमांड करते हैं। कई बार रिश्तों में खटपट भी इसकी वजह बन रही है। दहेज के इस दंश को खत्म करने के लिए पब्लिक को ही आगे आना होगा। '

डॉ। नवनीत कौर अहूजा, सोशियोलॉजिस्ट बीसीबी