जेईई के कारण तारीखों में बदलाव

वीसी प्रो. विनय कुमार पाठक ने बताया कि एसईई-2018 के एग्जाम 15 अप्रैल को कराए जाने थे। मगर इसी दिन आईआईटी-जेईई का एग्जाम भी प्रस्तावित है। इसलिए एसईई एंट्रेंस एग्जाम की डेट में बदलाव किया गया है। आमतौर पर स्टूडेंट्स इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए एसईई के साथ कई अन्य नेशनल और स्टेट लेवल के एंट्रेंस एग्जाम देते हैं। यदि दोनो एग्जाम एक ही दिन होते हैं तो बहुत से स्टूडेंट्स का एडमिशन के लिए एक अवसर कम हो जाएगा। इसलिए यूनिवर्सिटी ने यह कदम उठाया है।

दस दिनों में पूरी होगी काउंसिलिंग

अभी तक एसईई की काउंसिलिंग छह से सात चरण में पूरी होती थी। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इसमें भी बदलाव किया है। सेशन 2018 के एंट्रेंस एग्जाम के बाद तीन चरण में काउंसिलिंग कराई जाएगी। यह प्रक्रिया दस दिन चलेगी। साथ ही काउंसिलिंग मेडिकल की तर्ज पर होगी। जो स्टूडेंट पहले चरण के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं कर सकेंगे, उनको दूसरे चरण में भी रजिस्ट्रेशन का मौका मिलेगा।

खाली सीटों पर मिलेगा चांस

वीसी प्रो. पाठक के मुताबिक पहले और दूसरे चरण के बाद यदि सीटें खाली रहती हैं तो स्टूडेंट्स को एक और मौका दिया जाएगा। वे माप अप राउंड के तौर पर रजिस्ट्रेशन कर काउंसिलिंग में हिस्सा लेंगे। उसके बाद उन्हें एडमिशन मिलेगा। बैठक में यूनिवर्सिटी के कुलसचिव ओपी राय, वित्त अधिकारी भानु प्रताप सिंह, यूपीएसईई-2017 के समन्वयक प्रो. एके कटियार, उप समन्वयक डॉ. राम चन्द्र चौहान, उप समन्वयक डॉ. आरके सिंह, सहायक समन्वयक अभिषेक नागर सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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