गांधीवादी तौरतरीकों से सारी दुनिया में फेमस हो चुके अन्ना हजारे को अब महात्मा की उपाधि से नवाजा गया है. इस उपाधि के लिये प्रस्ताव उनकी ही ग्राम पंचायत रालेगढ़ सिद्धकी में पास किया गया है. प्रस्ताव पर जहां कांग्रेस को खासी आपत्ति है वहीं अन्ना ने महात्मा के लिये खुद को अयोग्य बताया है.
अन्ना हजारे को महात्मा की उपाधि से नवाजे जाने पर कांग्रेस का कहना है कि महात्मा गांधी से किसी की तुलना नहीं की जा सकती है. कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी के मुताबिक महात्मा गांधी की लोकप्रियता सारी दुनिया में है और उनके विचारों को सारी दुनिया मानती है. अन्ना को महात्मा कहकर गांधी का अपमान नहीं करना चाहिये. उन्होने कहा, 'अन्नाद हजारे की हम इज्जकत करते हैं, लेकिन उनके नाम के आगे महात्मात लगाना गलत होगा. गांधी से किसी की तुलना ठीक नहीं है.'
2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर रालेगण सिद्धि की ग्रामसभा ने एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें अन्ना् के नाम के साथ महात्मा जोड़ने की बात कही. रालेगण सिद्धि के सरपंच जय सिंह मापारी के मुताबिक, 'हम सभी चाहते हैं कि अन्नाा हजारे को महात्माग अन्ना हजारे कहकर बुलाया जाए. इसके लिए हमने पंचायत में एक प्रस्ता व पारित किया, जिसका 100 फीसदी लोगों ने हाथ उठाकर समर्थन किया.'
पूछने पर पता चला कि इस प्रस्ताव की जानकारी अन्ना को नहीं दी गई थी. अन्ना से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा,'यह गलत है. महत्मा का ओहदा बहुत बड़ा है और मैं इस लायक नहीं हूं. मैं सामान्यि आदमी हूं और सामान्यन रहना चाहता हूं.'
इसके पहले उनके गांव वाले उन्हे डाक्टर अन्ना और पद्मश्री अन्ना कहकर संबोधित करते थे.
Honours, awards and international recognition
2008 Jit Gill Memorial Award by World Bank
2005 Honorary Doctorate by Gandhigram Rural University
2003 Integrity Award by Transparency International
1998 CARE International Award by CARE (relief agency)
1997 Mahaveer Award
1996 Shiromani Award
1992 Padma Bhushan by President of India
1990 Padma Shri by President of India
1989 Krishi Bhushana Award by Government of Maharashtra
1986 Indira Priyadarshini Vrikshamitra Award by Government of India
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