- आरोपी डॉक्टर ने बच्चे को कस्टडी में देने के लिये फैमिली कोर्ट में कर रखा है केस

- एफआईआर की टाइमिंग पर उठे सवाल, एक दिन पहले ही सम्मन हुआ था तामील

LUCKNOW : शनिवार को महानगर कोतवाली में इंजीनियर युवती द्वारा मशहूर न्यूरो सर्जन डॉ। रवि देव के खिलाफ दर्ज कराई गई रेप की एफआईआर को लेकर सवाल उठ खड़े हुए हैं। दरअसल, इस केस में जो नए तथ्य सामने आए हैं वे एफआईआर में लगाए गए आरोपों की विश्वसनीयता और उसकी टाइमिंग पर भी सवाल उठाते हैं। महानगर पुलिस ने जांच में इन तथ्यों को शामिल किया है। वहीं, आरोपी बनाए गए डॉक्टर देव ने कोर्ट में अपनी बात को रखने की बात कही है।

जबरदस्ती का आरोप निराधार

मामले के आरोपी डॉ। रवि देव ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के सामने अपना पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि सीमा (बदला नाम) ने एफआईआर में जो आरोप लगाए हैं, वे बिलकुल गलत हैं। उन्होंने बताया कि वे और सीमा स्वेच्छा से लिवइन रिलेशनशिप में थे। उसके माता-पिता और भाई की भी इसमें रजामंदी थी। डॉ। देव ने बताया कि वे निरंतर सीमा के इटौंजा स्थित घर जाते थे और उसके माता-पिता भी अक्सर उनके घर आते थे। अपनी बातों को साबित करने के लिये डॉ। देव ने तस्वीरें भी दिखाई, जिसमें सीमा, उसका भाई और माता-पिता डॉक्टर देव के साथ बेहद खुश नजर आ रहे थे। इन फोटोग्राफ में डॉ। रवि देव व सीमा ने अपना बेटा भी ले रखा है।

बेटे की कस्टडी को कर रखा है केस

डॉ। देव ने बताया कि सीमा के भाई का उन्होंने ही कई साल पहले बीफार्मा में एडमिशन कराया था। वह उन्हीं के घर पर रहकर पढ़ाई करता था। उसी घर में सीमा भी रहती थी। उन्होंने कहा कि अगर वे सीमा पर कोई जुल्म करते थे तो उसके भाई ने आज तक कोई आपत्ति क्यों नहीं जताई। डॉ। देव ने बताया कि सीमा बीती फरवरी में बिना उनसे कुछ बताए बेटे को लेकर घर से चली गई। जब उन्होंने पड़ताल की तो पता चला कि वह गोमतीनगर में रहती है। उन्होंने सीमा से अपना बेटा देने की गुजारिश की लेकिन, उसने उनकी एक न सुनी। आखिरकार मई 2018 में डॉ। रवि देव ने फैमिली कोर्ट में बेटे को अपनी कस्टडी में देने का केस दायर किया। इस केस का सम्मन 12 अक्टूबर को सीमा को तामील कराया गया, जिसमें उसे अपना पक्ष रखने के लिये तीन नवंबर को कोर्ट में उपस्थित रहने का आदेश दिया गया था। डॉ। देव का कहना है इसी सम्मन के तामील होने के अगले दिन ही उनके खिलाफ रेप, उत्पीड़न व धमकी देने का केस दर्ज करा दिया गया। उन्होंने कहा कि वे अपने मुकदमे की सुनवाई पर कोर्ट को भी इस बारे में जानकारी देकर इंसाफ की गुहार लगाएंगे।

बॉक्स।

एफआईआर में लगाए गए यह आरोप

रविवार को महानगर कोतवाली में दर्ज कराई एफआईआर में इटौंजा निवासी सीमा ने बताया था कि सितंबर 2013 में उसके सिर में अचानक तेज दर्द उठा। उस दौरान उसे चक्कर आते और जबान भी लड़खड़ाती थी। जिस पर वह न्यूरो सर्जन डॉ। रवि देव को उनके महानगर स्थित क्लीनिक में दिखाने गई थी। डॉ। देव ने दिसंबर 2013 में सीमा के सिर का ऑपरेशन किया। ऑपरेशन के बाद डॉ। देव ने उससे कहा कि उसका केस काफी खराब हो चुका है, इसलिए हर दो दिन बाद उसे उनसे ड्रेसिंग कराने के लिये आना होगा। आरोप है कि वह ड्रेसिंग के लिये डॉ। देव के क्लीनिक पहुंची तो उसे बेहोशी की दवा देकर डॉक्टर ने उसके संग रेप किया। इसी के साथ उसकी अश्लील व आपत्तिजनक तस्वीर भी खींच ली। अप्रैल 2014 में उसे अल्सर हो गया। सीमा की बुआ उसे दिखाने के लिये डॉ। देव के पास ले गई। आरोप है कि डॉ। देव ने इसके बाद उसकी अश्लील तस्वीरें दिखाकर उसे ब्लैकमेल किया और उससे जबरन शारीरिक संबंध बनाए। डॉ। देव ने उसे जबरन अपने घर में रखा और संबंध बनाते रहे जिससे वह प्रेगनेंट हो गई और सितंबर 2015 को उसने बेटे को जन्म दिया। बेटे के जन्म के बाद डॉ। देव का जुल्म बढ़ता गया और वह उसे और बेटे को जान से मारने की धमकी देते हुए उसके संग अप्राकृतिक संबंध बनाए। रोज रोज की प्रताड़ना व धमकियों से परेशान होकर वह 9 फरवरी 2018 को वहां से इटौंजा स्थित अपने घर चली गई। आमदनी न होने की वजह से दिक्कत पेश आ रही थी। जिसके चलते खुद व बेटे के जीवनयापन के लिये 12 अक्टूबर को वह जॉब की तलाश में गोमतीनगर जा रही थी। इसी दौरान महानगर स्थित पीएसी बटालियन के आगे कुकरैल बंधे वाली गली में डॉ। रवि देव ने अपने दो साथियों के साथ उसे धमकाया।