-- डा। विवेक कश्यप को दोबारा दी गई इस पद की जिम्मेदारी

-पूर्व में पद से हटाए जाने पर हाई कोर्ट ने लगा दी थी रोक

-बाद में कोर्ट ने कहा, डा। चौधरी का हो सकता है तबादला

रांची : राज्य सरकार ने राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) के अधीक्षक पद से डा। एसके चौधरी को हटा दिया है। इनका पदस्थापन कहीं भी किए जाने के झारखंड हाई कोर्ट के आदेश आने के बाद यह कार्रवाई की गई। पूर्व में इनका तबादला किए जाने पर हाई कोर्ट ने ही रोक लगा दी थी। इधर, राज्य सरकार ने रिम्स के ही पीएसएम विभाग के प्राध्यापक सह विभागाध्यक्ष डा विवेक कश्यप को इस पद की जिम्मेदारी दी है। डा। चौधरी को उनके ही वेतनमान में रिम्स के ब्लड बैंक में चिकित्सा पदाधिकारी के पद पर पदस्थापित किया गया है। साथ ही डा। चौधरी के रिटायर होने तक इस पद को उनके वेतनमान के लिए उत्क्रमित कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी।

पिछले वर्ष भी हटाए गए थे

बता दें कि राज्य सरकार ने पिछले वर्ष भी डा। एसके चौधरी को पद से हटाते हुए डा। विवेक कश्यप को इस पद की जिम्मेदारी दी थी। लेकिन डा। एसके चौधरी ने हाईकोर्ट में इस आधार पर उक्त आदेश को चुनौती दी कि उनका तबादला नहीं किया जा सकता, जबकि वे सामान्य चिकित्सा पदाधिकारी हैं जिनका तबादला उनके वेतनमान के पद पर कहीं भी किया जा सकता है। हालांकि कोर्ट ने सुनवाई के क्रम में सरकार के इस आदेश पर रोक लगा दी थी। बाद में जस्टिस डॉ। एसएन पाठक की कोर्ट में रिम्स अधीक्षक पद से हटाए जाने संबंधी आदेश को चुनौती देनेवाली याचिका पर सुनवाई के दौरान सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि रिम्स अधीक्षक को हटाया जा सकता है। उन्हें दूसरे पद पर पदस्थापित किया जा सकता है। इसी के साथ उक्त याचिका निष्पादित कर दी गई।

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एजी को जांच में सहयोग नहीं करने का था आरोप

डा। एसके चौधरी पर रिम्स में करोड़ों रुपये की हुई अनियमितता में महालेखाकार को जांच में सहयोग नहीं करने का आरोप लगा था। राज्य सरकार ने इसी आरोप में अधीक्षक के पद से हटा दिया था। लंबे समय से इस पद की जिम्मेदारी संभाल रहे डा। चौधरी लगभग एक साल तक रिम्स के निदेशक के पद के प्रभार में भी रहे। निदेशक के पद पर नियमित नियुक्ति नहीं होने से उन्हें यह मौका मिला। जबकि वे निदेशक पद की आवश्यक योग्यता नहीं रखते थे।

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